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शिमला। कौशल विकास के नाम पर युवाओं को छला जा रहा है जबकि इससे युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है। हकीकत तो यह है कि कौशल विकास के नाम पर सीएम ने अपने बेटे विक्रमादित्य सिंह को ही रोजगार दिया है। विक्रमादित्य सिंह को कौशल विकास निगम के निदेशक मंडल का सदस्य बनाया गया है और अब वही निगम को चला भी रहे हैं। ये शब्द बीजेपी विधायक दल के मुख्य सचेतक सुरेश भारद्वाज ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहे।
भारद्वाज ने कहा कि बेरोजगारी भत्ता देने का ऐलान कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में किया था। चार साल बीत गए और पर कोई कदम सरकार ने इस बारे में नहीं उठाया। इसके बाद सरकार के मंत्री जीएस बाली ने भी अब सार्वजनिक रूप से मांग की है कि युवाओं को बेरोजगारी भत्ता दिया जाए। यही नहीं, राज्यसभा सदस्य विप्लव ठाकुर ने भी बेरोजगारी भत्ता देने की मांग की है लेकिन सीएम वीरभद्र सिंह ने इस पर दो टूक नकारात्मक जवाब दिया है। सुरेश भारद्वाज ने कहा कि कांग्रेस का चुनाव घोषणापत्र भी कांग्रेस नेता आनंद शर्मा की अगुवाई में बना और वीरभद्र सिंह उसमें कही गई बेरोजगारी भत्ते की बात को नकार रहे हैं। उनका कहना था कि सत्ता में आने पर कांग्रेस ने इसे सरकारी दस्तावेज बनाया और इस पर कितना अमल हुआ है, उसकी समीक्षा के लिए एक कमेटी का भी गठन किया है। बीजेपी नेता ने कहा कि जिस चुनावी मैनीफेस्टो को कांग्रेस सरकार ने अपना नीतिगत दस्तावेज बनाया है, उसमें किए वादों को पूरा करने से अब सरकार मुकर रही है। बीजेपी ने कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वह बेरोजगार युवाओं को भत्ता नहीं दे सकती, लेकिन वह सेवानिवृत्त कर्मचारियों और अधिकारियों को जरूर रोजगार दे सकती है।
सुरेश भारद्वाज ने कहा कि आउटसोर्सिंग के आधार पर जो रोजगार दिया जा रहा है, उसमें कांग्रेस नेताओं की कंपनियों के माध्यम से ही रोजगार दिया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि आउटसोर्स भर्ती में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है। इसके तहत उन्हें ही रोजगार दिया जा रहा है, जिनके नाम कांग्रेस नेता भेजते हैं और यह एक प्रकार की बैकडोर एंट्री है। इसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। इस मुद्दे पर विधानसभा में सरकार से जवाब मांगा जाएगा। सुरेश भारद्वाज ने मंडी में मेडिकल यूनिवर्सिटी स्थापित करने पर भी ऐतराज जताया और कहा कि जहां कोई मेडिकल कालेज नहीं है, वहां यूनिवर्सिटी खोली जा रही है। उन्होंने कहा कि आईजीएमसी शिमला या फिर टांडा मेडिकल कालेज में कहीं इसे खोला जाना चाहिए, क्योंकि यहां पर यूनिवर्सिटी के लिए पूरा आधारभूत ढांचा है। उन्होंने कहा कि आईजीएमसी की तरफ सरकार का ध्यान नहीं है यहां पर सुपर स्पेश्यिलिटी विभाग को आईजीएमसी से 15-20 किमी दूर मल्याणा में स्थापित किया जा रहा है। सरकार को मल्याणा में मेडिकल यूनिवर्सिटी बनानी चाहिए। बीजेपी नेता ने कहा कि विधानसभा के बजट सत्र में वह जनहित से जुड़े सभी मुद्दे उठाएगी और सरकार से जवाब मांगेगी।
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