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पुनीत शर्मा/चंबा। विश्व के चुनिंदा क्षेत्रों में पाए जाने वाले बहुत ही दुर्लभ नस्ल के स्नो लेपर्ड (Snow leopard) और ब्राउन भालू की झलक एक बार फिर हिमाचल प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में देखने को मिली है। हाल ही में चंबा जिले के दूरदराज इलाके पांगी में इन दुर्लभ जानवरों को देखा गया है। पहाड़ों और वनों की भूमि हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर विलुप्त हो रहे बर्फानी-तेंदुए तथा भूरे भालू (Bear) की प्रजाति की मौजूदगी दर्ज हुई है। आंकड़ों पर गौर करें तो विश्व भर में बर्फानी-तेंदुआ प्रजाति की संख्या 5000 से भी कम है, तो वहीं भारत में इनकी संख्या महज 200 से 500 तक है। इस बीच पांगी घाटी के सेचु नाला वन्यजीव अभ्यारण्य से हिम तेंदुए की तस्वीरें तथा वीडियो फुटेज सामने आई हैं।
लिहाजा पांगी घाटी में इस विलुप्त हो रही प्रजाति का सरंक्षित होना बड़ी बात है। तुआन बीट के वनरक्षक राजेंद्र के रखे कैमरों में बर्फानी-तेंदुए (Snow leopard) तथा भूरे भालू की फोटो तथा फुटेज कैद हुआ है। हालांकि इससे पहले कुगति वन्यजीव अभ्यारण्य में साल 2006 में बर्फानी-तेंदुए की फोटो से उसकी मौजूदगी दर्ज की गई थी। बताते चलें कि 1972 में प्रकृति के संरक्षण (आईयूसीएन) के लिए अंतरराष्ट्रीय संघ विश्व स्तर पर “लुप्तप्राय” के रूप में संकटग्रस्त प्रजाति के अपने लाल सूची पर हिम तेंदुए रखा गया था। खास बात यह कि बर्फानी तेंदुआ हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) का स्टेट एनिमल भी है। उधर, वन्य प्राणी विभाग के डीएफओ निशांत मंढोत्रा ने स्नो लेपर्ड तथा ब्राउन बीयर की मौजूदगी पाए जाने की पुष्टि की है। मंढोत्रा ने बताया कि सेचु नाला वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में लुप्त प्राय प्रजातियों के वीडियो तथा फोटो से पता चला है कि यहां ये वन्य जीव सरंक्षित हैं।
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