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नई दिल्ली/शिमला। किसानों के लिए केंद्र सरकार की एक नई योजना शुरू होने जा रही है। इस योजना से किसान अपनी बंजर और खाली पड़ी खेती की भूमि से हर साल करीब एक लाख रुपये तक की अतिरिक्त कमाई कर सकेंगे। इस योजना के तहत किसान को अपने खेतों या खाली पड़ी जमीन पर बिजली (electricity) उत्पादन कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें सोलर (Solar) पैनल स्थापित करने होंगे, इन पर निवेश या तो किसान खुद कर सकेगा या फिर डिवेल्पर के माध्यम से किया जा सकेगा, जो किसान को बिजली उत्पादन का तीस फीसदी तक भुगतान करेगा।
बिजली उत्पादन का यह कारोबार उन किसानों (Farmers) के लिए अतिरिक्त आय (Income) का स्त्रोत होगा, जो या तो किसी कारणवश अपनी पूरी जमीन पर खेती नहीं कर पाते या फिर जमीन खेती लायक नहीं रही है। खासकर हिमाचल प्रदेश (H.P.) जैसे राज्यों में जहां बंदरों और लावारिस पशुओं के कारण किसानों ने खेती करना छोड़ दिया है, उनके लिए यह योजना लाभ का सौदा हो सकती है। इससे किसानों को हर साल 1 लाख रुपए तक कमाने का मौका मिलेगा। इस योजना की जानकारी केंद्रीय नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा (MNRI) मंत्री आरके सिंह ने लोकसभा में दी है।
केंद्रीय मंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि इस योजना के तहत किसान सोलर पैनल लगाकर दो मेगावाट तक बिजली का उत्पादन कर सकेंगे। इससे उनको 1 लाख रुपए तक सालाना आय हो सकेगी। उन्होंने कहा कि किसानों की ओर से पैदा की जाने वाली इस बिजली की खरीदारी सरकार करेगी। इस योजना की घोषणा अगले 15 से 20 दिनों की जा सकती है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सरकार ने प्रावधान किया है कि किसान अपनी जमीन पर सोलर पैनल लगाकर बिजली का उत्पादन कर सकता है या फिर बिजली उत्पादन के उद्देश्य से किराए पर देकर भी कमाई कर सकता है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि भारत इस समय विश्व में सबसे ज्यादा नवीकरणीय ऊर्जा पैदा करने वाला देश है और हमने 1,75,000 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा पैदा करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि हम 2022 तक इस लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उनके मंत्रालय ने 2020 तक 50 हजार सूर्य मित्र तैयार करने के उद्देश्य से सूर्या स्किल डवलपमेंट कार्यक्रम लॉन्च किया था। इस कार्यक्रम को सोलर पैनल की स्थापना, मेंटेनेंस और ऑपरेशन से जुड़े कार्यों के लिए नौकरियां पैदा करना था। कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण लेने वालों की कोर्स फीस, रहन-सहन और मूल्यांकन चार्ज मंत्रालय की ओर से वहन किया जाता है। इस स्कीम का नाम संभवत: किसान ऊर्जा सशक्तिकरण मिशन (कुसुम) हो सकता है।
सूत्रों के मुताबिक एक मेगावाट क्षमता के सोलर प्लांट लगाने में 5 एकड़ जमीन की जरूरत होती है। एक मेगावाट सोलर प्लांट से साल भर में लगभग 11 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन होता है। किसान के पास एक एकड़ भी जमीन है तो वहां 0.20 मेगावाट का प्लांट लग सकता है। इस प्लांट से सालाना 2.2 लाख यूनिट बिजली पैदा होगी।
कुसुम स्कीम के मुताबिक जो भी डेवलपर्स किसान की जमीन पर सोलर प्लांट लगाएगा, वह किसान को प्रति यूनिट 30 पैसे का किराया देगा। ऐसे में, किसान को प्रतिमाह 6600 रुपए मिलेंगे। साल भर में यह कमाई लगभग 80,000 से 100,000 रुपए तक की हो सकती है। जमीन पर मालिकाना हक किसान का ही रहेगा। किसान चाहे तो सोलर प्लांट के साथ यहां छोटी-मोटी खेती भी कर सकता है।
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