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China की 59 ऐप पर बैन के पीछे ‘असली रैंचो’ का बड़ा योगदान, Video से चलाया था अभियान
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने जो चीन निर्मित 59 ऐप (59 App) पर पाबंदी लगाई है उसकी पीछे एलएसी के हालात के अलावा लद्दाखी इंजीनियर सोनम वांगचुक के आंदोलन का भी बड़ा हाथ है। बॉलीवुड फिल्म थ्री-इडियट के असली रैंचो यानी लद्दाख निवासी इंजीनियर सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk) ने देशवासियों से चाइनीज सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर का इस्तेमाल ना करने का आग्रह किया था। सोनम वांगचुक ने 28 मई को सिंधु नदी के किनारे अपना पहला वीडियो शूट कर यू-ट्यूब पर अपलोड किया था जिसमें उन्होंने देश-दुनिया से चीन निर्मित सामान के बहिष्कार की अपील की थी।
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वीडियो (Video) में वांगचुक ने कहा, ‘अभी हम मैन्युफैक्चरिंग, हार्डवेयर, दवाओं के कच्चे माल, मेडिकल इंस्ट्रूमेंट, चप्पल-जूते जैसी कई चीजों के लिए चीन पर निर्भर हैं। क्योंकि, इनमें से ज्यादातर सामानों का उत्पादन हमारे देश में कम होता है। होता भी है, तो थोड़ा महंगा होता है। लेकिन, देश की जनता को यह समझना होगा कि चीन से खरीदा माल चीनी सरकार की जेब में जाएगा।’ वांगचुक का मानना है कि चीन को हराने के लिए बुलेट की ताकत तो सेना दिखाएगी ही, देशवासियों को वॉलेट की ताकत दिखानी चाहिए।’
दो हफ्तों में ही करीब 42 लाख लोगों ने देखा वीडियो
वांगचुक ने अभियान को ‘सेना देगी बुलेट से जनता देगी वॉलेट से जवाब’ नाम देकर वीडियो बनाया था। इस वीडियो को दो हफ्तों के भीतर ही करीब 42 लाख लोगों ने देखा। सोनम ने सॉफ्टवेयर यानी मोबाइल ऐप के लिए एक सप्ताह और हार्डवेयर यानी भौतिक वस्तुओं को एक साल में इस्तेमाल से बाहर करने की अपील की थी। सोनम के अभियान को बॉलीवुड से भी समर्थन मिला। उधर,15 जून को गलवां घाटी में 20 सैनिकों की शहादत के बाद देशभर में चीनी सामान के बहिष्कार की लहर बन गई। इस दौरान सोनम ने लगातार कई वीडियो जारी कर चीन के खिलाफ अपने आंदोलन को आगे बढ़ाया। चीन की 59 ऐप पर पाबंदी के फैसले का सोशल मीडिया पर काफी स्वागत हो रहा है।