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इंटरनेशनल क्रिकेट से #Ban हो सकती है साउथ अफ्रीकन टीम, जानें क्या हैं कारण
नई दिल्ली। दक्षिण अफ्रीकी में ओलिंपिक से जुड़ी संस्था ने देश के क्रिकेट साउथ अफ्रीका (CSA) बोर्ड को निलंबित करके देश के क्रिकेट की कमान को अपने हाथों में ले लिया है। अब बताया जा रहा है कि दक्षिण अफ्रीकी स्पोर्ट्स एंड ओलंपिक कमेटी के इस कदम से क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका की छवि खराब हुई है और टीम पर इंटरनेशनल क्रिकेट में बैन होने का खतरा मंडरा रहा है। बतौर रिपोर्ट्स, क्रिकेट साउथ अफ्रीका पर सरकार ने आर्थिक गड़बड़ियों के आरोपों के तहत कार्रवाई की है।
21 साल तक वर्ल्ड क्रिकेट से दूर रह चुका है साउथ अफ्रीका
सरकार की ओर बोर्ड के सभी बड़े सदस्यों को पद छोड़ने का आदेश मिला है। इस फैसले के बाद यह भी तय कर दिया कि अब यह बोर्ड स्वतंत्र नहीं बल्कि पूरी तरह से सरकार के अधीन काम करेगी। बतौर रिपोर्ट्स, साउथ अफ्रीका के खेल परिसंघ और ओलंपिक समिति ने क्रिकेट साउथ अफ्रीका को एक खत लिखाकर इस बात की जानकारी दी। जो खत लिखा गया है उसमें सीएसए बोर्ड और वरिष्ठ अधिकारियों से बोर्ड के प्रशासनिक कार्यों से खुद को अलग करने के लिए कहा गया है। बता दें कि इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल की शर्त के मुताबिक किसी भी क्रिकेट खेलने वाले देश में इस खेल का कामकाज देखने वाली संस्था स्वतंत्र होनी चाहिए। सरकार की किसी डायरेक्ट बॉडी का क्रिकेट बोर्ड पर सीधे तौर पर नियंत्रण नहीं होना चाहिए।
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चूंकि साउथ अफ्रीकन स्पोर्ट्स एंड ओलंपिक कमेटी दक्षिण अफ्रीका की सरकार की संस्था है, इसलिए यह आईसीसी के नियमों के विरोध है। कुछ महीनों पहले जिम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड पर इसी तरह से नियम के तहत आईसीसी ने इंटरनेशनल स्तर पर टूर्नामेंट खेलने पर पाबंदी लगा दी थी। बता दें कि 21 साल तक वर्ल्ड क्रिकेट से कटे रहने के बाद 1991 दक्षिण अफ्रीका ने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था। रंगभेद नीति के कारण दुनिया ने इस देश से दूरी बना ली थी। साल 1970 के दौरान साउथ अफ्रीका क्रिकेट टीम (SA Team) पर 21 साल का बैन लगा था। जबकि इस टीम को 1889 के समय में टेस्ट क्रिकेट खेलने का दर्जा मिल गया था।