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यूनिफाइड पेंशन स्कीम की खास बातें, कौन उठा सकेगा इसका लाभ , यहां पढ़े पूरी डिटेल
Unified Pension Scheme: केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) को मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार के कर्मचारियों की नई पेंशन योजना ( NPS) में सुधार की लंबे समय से मांग की जा रही थी। अब सरकार ने मांग पूरी करते हुए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (Unified Pension Scheme ) का ऐलान किया। यूपीएस के तहत कर्मचारियों को 25 साल काम करने पर पूरी पेंशन मिलेगी। यूनिफाइड पेंशन स्कीम (Unified Pension Scheme )को लेकर लोगों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं। यहां पर हम आप को इस स्कीम के बारे में विस्तार से जानकारी देते है…..
पेंशन का फार्मूला
यूनिफाइड पेंशन स्कीम( UPS) का फॉर्मूला यह है कि अगर कर्मचारी ने 25 वर्षों की सेवा दी है तो उसके अंतिम कार्य-वर्ष के 12 महीनों के औसत मूल वेतन की 50 प्रतिशत राशि बतौर पेंशन दी जाएगी। अगर सेवा काल 10 से 25 वर्षों का है तो पेंशन की राशि समानुपातिक आवंटन के आधार पर तय होगी। यूपीएस में सुनिश्चित पेंशन, परिवार को पेंशन, सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन, पेंशन की राशि की महंगाई दर के साथ जोड़ने और सेवानिवृत्ति के समय ग्रेच्युटी(Gratuity) के अलावा भी एक सुनिश्चित राशि के भुगतान की व्यवस्था की गई है। नई पेंशन योजना कर्मचारी की मृत्यु की स्थिति में उसकी पेंशन के 60 प्रतिशत की दर से सुनिश्चित पारिवारिक पेंशन भी प्रदान करती है।
कौन-कौन उठा सकेगा लाभ?
नई योजना 1 अप्रैल, 2025 से लागू होगी। वे सभी जो सेवानिवृत्त हैं या 31 मार्च, 2025 तक बकाया राशि के साथ सेवानिवृत्त( Retired) हो रहे हैं, वो इसका लाभ उठा सकेंगे। इस योजना से 23 लाख लोगों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा
न्यू पेंशन स्कीम से कैसे अलग है?
आखिर ये यूनिफाइड पेंशन स्कीम कैसे न्यू पेंशन स्कीम से अलग है। यूनिफाइड पेंशन स्कीम में सरकारी कर्मचारी को रिटायरमेंट से पहले के 12 महीने की बेसिक सैलरी(Basic Salary) के औसत का 50 फीसदी निश्चित पेंशन के तौर पर मिलेगा। यूनिफाइड पेंशन स्कीम के तहत अगर किसी ने 25 साल काम किया है, तो उसे पेंशन मिलेगी। अगर किसी ने 25 साल से कम, लेकिन 10 साल से ज्यादा काम किया है तो भी उसे पेंशन मिलेगी। हालांकि, इसकी रकम कम होगी।
खास बातें
-यूपीएस में कर्मचारियों को सुनिश्चित पेंशन मिलेगी, जबकि एनपीएस( NPS) में बाजार में निवेशित राशि के हिसाब से पेंशन राशि मिलने की व्यवस्था है।
-सेवानिवृत्त कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसके आश्रित (पति या पत्नी) को पेंशन राशि का 60 प्रतिशत सुनिश्चित पारिवारिक पेंशन के तौर पर दिया जाएगा।
-कर्मचारी का कार्य-वर्ष चाहे जितना भी हो उसकी पेंशन की न्यूनतम राशि 10 हजार रुपये से कम नहीं होगी।
-आज की तारीख में जो न्यूनतम वेतन है, उसके आधार पर न्यूनतम पेंशन की राशि 15 हजार रुपये बनती है।
-सेवा में संपन्न हर छह माह के लिए मूल वेतन की 10 प्रतिशत राशि एकमुश्त मिलेगी, जो ग्रेच्युटी के अलावा होगी।
-मोटे तौर पर 30 वर्ष की सेवा के लिए एक कर्मचारी को छह माह का वेतन अलग से सेवानिवृत्त होने पर मिलेगा।
-पेंशन की राशि को महंगाई के सूचकांक से जोड़ा गया है। यानी खुदरा महंगाई दर बढ़ेगी तो पेंशन की राशि भी बढ़ेगी।
-महंगाई भत्ता के आधार पर पेंशन, पारिवारिक पेंशन और न्यूनतम पेंशन तीनों का निर्धारण होगा।
खास बात ये है कि राज्य सरकारें चाहें तो इसी आधार पर अपने कर्मचारियों के लिए भी पेंशन स्कीम लागू कर सकती हैं। ऐसा होता है तो राज्य सरकारों के 90 लाख कर्मचारियों को भी फायदा हो सकता है।
नेशनल डेस्क
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