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Sputnik-V: रूस की कोरोना वैक्सीन पर भी उठने लगे सवाल; US ने भी कही ये बड़ी बात
Last Updated on August 12, 2020 by Deepak
नई दिल्ली। रूस (Russia) द्वारा कोरोना महामारी के इस भयंकर दौर में मंगलवार को इस बात का ऐलान किया गया कि उन्होंने कोरोना वायरस (Coronavirus) के इलाज में कारगर पहली वैक्सीन (Vaccine) बना ली है। रूस ने इस वैक्सीन का नाम स्पूतनिक-V (Sputnik-V) रखा है और इसके इस्तेमाल को लेकर मंजूरी भी मिल गई है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा कोरोना वैक्सीन बनाए जाने के दावे को दुनिया संदेह भरी निगाहों से देख रही है। इसी फेहरिस्त में रूस की कोविड-19 वैक्सीन पर अमेरिकी हेल्थ ऐंड ह्यूमन सर्विसेज़ मंत्री एलेक्स अज़ार ने मंगलवार को कहा, ‘बात सबसे पहले वैक्सीन बनाने की नहीं बल्कि ऐसी वैक्सीन बनाने की है जो सुरक्षित हो और अमेरिकी लोगों समेत पूरी दुनिया के लोगों पर प्रभावी हो।’ उन्होंने बताया कि अमेरिका में ऑपरेशन वॉर्प स्पीड के तहत 6 वैक्सीन पर काम चल रहा है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन को भी नहीं है यकीन
वहीं, दूसरी तरफ लोगों को और अन्य देशों को रूस के इस दावे पर इस वजह से यकीन नहीं हो पा रहा है क्योंकि इस वैक्सीन के तीसरे फेज का ट्रायल अभी पूरा नहीं हुआ है, और अब तक दूसरे फेज के परिणाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। इसके अलावा, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी पूरी तरह यह स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं कि रूस ने इतनी जल्दी वैक्सीन विकसित कर ली है। रूस की एसोसिएशन ऑफ क्लिनिकल ट्रायल ऑर्गनाइजेशन (ACTO) ने फिलहाल आधिकारिक टीके के रूप में स्पूतनिक V का पंजीकरण नहीं करने को कहा है। उसका कहना है कि पंजीकरण से पहले बड़े पैमाने पर ट्रायल किए जाने चाहिए।
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बता दें कि पुतिन ने मंगलवार को वैक्सीन बना लेने का दावा करते हुए बताया था कि उनकी बेटियों को यह टीका लगाया जा चुका है। पुतिन ने बताया कि उनकी बेटी को कोरोना वायरस हुआ था, जिसके बाद उसे ये नई वैक्सीन दी गई। कुछ देर के लिए उसका तापमान बढ़ा लेकिन अब वो बिल्कुल ठीक है। बतौर रिपोर्ट्स, मॉस्को के गामलेया रिसर्च इंस्टिट्यूट ने एडेनोवायरस को बेस बनाकर यह वैक्सीन तैयार की है। मंगलवार को रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने वैक्सीन को सफल करार दिया। इसी के साथ व्लादिमीर पुतिन ने ऐलान किया कि रूस में जल्द ही इस वैक्सीन का प्रोडक्शन शुरू किया जाएगा और बड़ी संख्या में वैक्सीन की डोज़ बनाया जाएगा।