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बद्दी। प्रदेश में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमों को दरकिनार करने वाले व जानबूझकर अवहेलना करने वालों पर कड़ा शिकंजा कसा जाएगा। चाहे इसके लिए बिजली काटने जैसे कदम क्यों न उठाने पड़े। यह बात बद्दी में पत्रकारों को संबोधित करते हुए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन कुलदीप सिंह पठानिया ने कही। उन्होंने कहा कि हम प्रदेश में हर जगह जाकर पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरुकता शिविर लगा रहे हैं और नए नियमों की जानकारी दे रहे हैं। अगर फिर भी कोई उद्योग या व्यावसायिक संस्थान लापरवाही करतो है तो उसको बख्शा नहीं जाएगा।
कुलदीप पठानिया ने कहा कि नगर निकायों के एरिया के तहत कोई गंदगी फैलाता है और उस पर कार्रवाई नहीं होती है तो नगर परिषद पर हम 5 से 25000 तक जुर्माना लगाएंगे। निजी संस्थाओं के साथ हम सरकारी अधिकारियों पर कार्रवाई से गुरेज नहीं करेंगे। पठानिया ने कहा कि हम न तो ठोस कचरा संयंत्र व न ईटीपी चलाएंगे बल्कि ये काम संबंधित एजेंसियों व विभागों का है जैसे नगर परिषदें व आईपीएच विभाग। उन्होंने बताया कि नई कार्यप्रणाली के तहत एयर पोल्यूशन पैरामीटर स्क्रीन 10 जिलों में स्थापित होगी ताकि यहां पर हर जाने वाले को शुद्व हवा मिल सके और पर्यटन को बढ़ावा मिल सके। इसके अलावा नगर निकायों से निकलने वाले ठोस कचरे के निष्पादन के लिए 4-4 जिलों में संयंत्र लगाए जाएंगे, ताकि उसका वैज्ञानिक निष्पादन हो सके।
उन्होंने कहा कि प्रदूषण बोर्ड सरकार व अन्य सरकारी एजेंसियों को पर्यावरण संरक्षण के लिए सहायता देने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि सब पात्र उद्योगों को सीईटीपी का सदस्य बनना जरूरी है और इसकी अवहेलना किसी भी कीमत पर न की जाए। चेयरमैन ने कहा कि सीईटीपी को क्रियान्वित करवाना बोर्ड का काम है, लेकिन अब इसमें कोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ रहा है, लेकिन अब चूक हुई तो हम एक्शन जरूर लेंगे। पत्रकारों के सवालों पर उन्होंने कहा झाडमाजरी, संडोली व मलपुर नालों की सैंपलिंग की जाएगा और कोई उद्योग दोषी पाया गया तो उस पर कार्रवाई होगी। इस अवसर पर सदस्य सचिव संजय सूद, एसई प्रवीण गुप्ता, एक्सईएन बृजभूषण शर्मा व एसडीओ अतुल परमार सहित कई अधिकारी भी उपस्थित थे।
प्रेस वार्ता के दौरान बोर्ड के चेयरमैन कुलदीप पठानिया ने नगर परिषद बद्दी से किसी भी अधिकारी के न आने गहरी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि म्यूनिसिपल सोलिड वेस्ट के लिए यह कार्यशाला थी, लेकिन नप का कोई पदाधिकारी व अधिकारी न आना शर्मनाक है। हम चाहते हैं कि मिलकर पर्यावरण को संवारे लेकिन यह सब विभागों व जन सहयोग से ही संभव है।
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