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शिमला। हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ इन दिनों दोफाड़ नजर आ रहा है। संघ पर असंवैधानिक तरीके से चुनाव करवाने के आरोप लग रहे हैं। इन आरोपों पर सफाई देने के लिए मंगलवार को प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र चौहान स्वयं सामने आए। अपने ऊपर लग रहे आरोपों पर चौहान ने कहा कि कुछ लोग संगठन विरोधी कार्य कर रहे हैं उनके द्वारा ही बेतुके व निराधार आरोप लगाए जा रहे हैं। संघ के चुनाव राज्य चुनाव आयोग (State election commission) निष्पक्ष तरीके से करवा रहा है।
पहले ई मेल से सदस्यता अभियान (Membership campaign) चलाया गया जिसकी सदस्यता को चुनाव पूरा होने तक सार्वजनिक नहीं किया जाता है। प्रदेशाध्यक्ष का चुनाव 9 नवंबर को शिमला में ही होगा। चुनाव में 2022 तक के लिए नई कार्यकारिणी का चयन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सरकारी स्कूलों की शिक्षा दिन प्रतिदिन पिछड़ रही है। 60 फीसदी से ज्यादा बच्चे निजी स्कूलों में पलायन कर चुके हैं। यहां तक कि सरकारी स्कूलों के अध्यापक भी अपने बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ा रहे हैं। ऐसे में हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ बच्चों की पढ़ाई की बात करने के बजाए राजनीति कर रहा है फिर हिमाचल के स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता कैसे आएगी।
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