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निजी स्कूल फीसः छात्र अभिभावक मंच को DC की अध्यक्षता में कमेटी मंजूर नहीं, अधिसूचना हो जारी
Last Updated on December 24, 2020 by Vishal Rana
शिमला। छात्र अभिभावक मंच ने हिमाचल निजी स्कूल (Private Schools) फीस मामले पर कैबिनेट द्वारा कमेटी गठित के निर्णय पर हैरानी जताई है। साथ ही मांग की है कि सरकार कमेटी गठित करने की जगह एनुअल चार्जेज (Annual Charges) सहित अन्य चार्जेज ना वसलूने की अधिसूचना जारी करे। निजी स्कूलों द्वारा ट्यूशन फीस के साथ सभी तरह के चार्जेज वसूल करने और प्रदेश सरकार कैबिनेट (Cabinet) द्वारा डीसी की अध्यक्षता में कमेटियों के ज़रिए फीसों की समीक्षा के निर्णय के खिलाफ शिक्षा निदेशालय शिमला के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। मंच ने प्रदेश सरकार को चेताया है कि अगर उसने एनुअल चार्जेज व अन्य चार्जेज सहित पूर्ण फीस वसूली के निर्णय को डीसी की अध्यक्षता में बनने वाली कमेटियों के ज़रिए जबरन लागू करने की कोशिश की तो इसके खिलाफ जोरदार आंदोलन होगा। इस मुद्दे पर शिक्षा निदेशालय शिमला के बाहर अभिभावक एकत्रित हुए तथा प्रदेश सरकार, शिक्षा विभाग व निजी स्कूल प्रबंधनों के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते रहे। इस दौरान शिक्षा निदेशक (Director Of Education) अपने कार्यालय से उठकर धरना स्थल के नजदीक मुख्य गेट पर आ गए व मंच के प्रतिनिधियों से ज्ञापन ग्रहण किया। उन्होंने अभिभावकों की मांगों को सुना व इस संदर्भ में आश्वासन दिया कि सरकार को पत्र के माध्यम से सूचित करके इस संदर्भ में उचित कदम उठाने का आग्रह किया जाएगा।
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मंच ने ज्ञापन सौंप कर ट्यूशन फीस के अलावा एनुअल चार्ज सहित सभी तरह के चार्जेज पर रोक लगाने की मांग की। उन्होंने मांग की है कि ट्यूशन फीस के अलावा एनुअल चार्जेज सहित सभी तरह के चार्जेज पर रोक लगाने हेतु प्रदेश सरकार व शिक्षा निदेशालय तुरंत अधिसूचना जारी करे। मंच के सदस्यों ने शिक्षा अधिकारियों पर निजी स्कूलों पर नरमी बरतने का आरोप लगाया। प्रदर्शन में विजेंद्र मेहरा, फालमा चौहान, कमलेश वर्मा, अमित कुमार, राजकुमार, राजेश शर्मा, रमेश शर्मा, सुनील चन्देल, रजनीश, हेमंत, भुवनेश्वर, तेजिंदर, योगेश वर्मा, प्रीतपाल मट्टू, पूनम, नितिन सूद, विक्रम ठाकुर, यशपाल शर्मा, बाबू राम, बालक राम, संगीता, रामप्रकाश, रमन थारटा व रिंपल चौहान आदि मौजूद रहे। मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा, सदस्य फालमा चौहान, कमलेश वर्मा, राजेश शर्मा, भुवनेश्वर व हेमंत कुमार ने शिक्षा निदेशक को चेताया है कि अगर उन्होंने निजी स्कूलों की एनुअल चार्जेज, कम्प्यूटर फीस (Computer Fees), स्मार्ट क्लास रूम व अन्य चार्जेज़ की वसूली पर रोक ना लगाई तो आंदोलन तेज होगा तथा 28 दिसंबर को भी प्रदर्शन होगा। उन्होंने निजी स्कूलों में पढ़ने वाले छः लाख छात्रों के दस लाख अभिभावकों सहित कुल सोलह लाख लोगों से निजी स्कूलों की एनुअल चार्जेज़ व अन्य चार्जेज़ सहित पूर्ण फीस उगाही का पूर्ण बहिष्कार करने की अपील की है।
प्रदेश सरकार की 23 दिसंबर 2020 की कैबिनेट बैठक में निजी स्कूलों के संदर्भ में लिए गए निर्णय पर हैरानी जताई है, क्योंकि यह निर्णय पूरी तरह अव्यवहारिक है व इस से अभिभावकों को कोई न्याय नहीं मिलेगा। इस निर्णय से अभिभावकों को निराशा ही हाथ लगी है। उन्होंने मांग की है कि डीसी (DC) की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर फीसों व एनुअल चार्जेज़ सहित अन्य चार्जेज़ की समीक्षा के निर्णय को रद्द करके प्रदेश सरकार सीधे अधिसूचना जारी कर इनकी वसूली पर तुरन्त पूर्ण रोक लगाए। विजेंद्र मेहरा ने सीएम (CM) व शिक्षा मंत्री पर अभिभावकों को गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने अपनी बयानबाजी से पलट कर बिल्कुल तर्कहीन निर्णय कैबिनेट बैठक में लिया है।