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शिमला। निजी स्कूलों की मनमानी को रोकने के लिए कानून और नियामक आयोग बनाने की मांग को लेकर शुक्रवार को छात्र अभिभावक मंच (Student Guardian Forum) ने विधानसभा के बाहर जोरदार प्रदर्शन (Protest) किया। इस दौरान निजी स्कूलों की फीस, प्रवेश प्रक्रिया व पाठयक्रम को संचालित करने के लिए कानून बनाने, रेगुलेटरी कमीशन गठित करने, टयूशन फीस के साथ एनुअल चार्जेज़ सहित सभी तरह के चार्जेज़ की वसूली पर रोक लगाने, ड्रेस, किताबों व कार्यक्रमों के नाम पर ठगी रोकने आदि मुद्दे उठाए गए। मंच के प्रतिनिधिमंडल ने संयोजक विजेंद्र मेहरा की अगुवाई में सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) से मुलाकात कर उन्हें मांग पत्र भी सौंपा। मंच ने निजी स्कूलों (Private School) को संचालित करने के लिए सख्त कानून बनाने और जल्द रेगुलेटरी कमीशन गठित करने की मांग की। वहीं सीएम जयराम ठाकुर ने इस मामले में जल्द उचित कारवाई का भरोसा दिया।
इससे पहले प्रदर्शन को संबोधित करते हुए मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा, विवेक कश्यप, सुरेश सरवाल, विशाल मेहरा, किशन व राजीव चौहान ने कहा कि निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ आंदोलन तेज होगा। उन्होंने प्रदेश सरकार को चेताया कि अगर उसने वर्तमान बजट सत्र में निजी स्कूलों को संचालित करने के लिए कानून ना लाया तो निर्णायक आंदोलन होगा। उन्होंने सरकार से मांग की है कि वह निजी स्कूलों की टयूशन फीस (Tuition fees) के अतिरिक्त अन्य सभी प्रकार के चार्जेज़ पर रोक लगाने की अधिसूचना जारी करे। उन्होंने प्रदेश सरकार से निजी स्कूलों में पढ़ने वाले छह लाख छात्रों के दस लाख अभिभावकों सहित कुल सोलह लाख लोगों को राहत प्रदान करने की मांग की है।
विजेंद्र मेहरा ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि वर्तमान विधानसभा सत्र निजी स्कूलों को संचालित करने के लिए हर हाल में कानून व रेगुलेटरी कमीशन बनना चाहिए। उन्होंने उपायुक्तों की अध्यक्षता में गठित शिकायत निवारण कमेटियों को सफेद हाथी करार दिया है। ये कमेटियां केवल आई वाश हैं। इन कमेटियों से स्कूल प्रबंधनों को ही फायदा होने वाला है। अभी तक सरकार ने केवल स्कूल प्रबंधनों को ही फायदा पहुंचाया है व लाखों छात्रों-अभिभावकों की आंखों में धूल झोंकने का ही कार्य किया है। उन्होंने कहा है कि सरकार अखबारी बयान देकर अभिभावकों को ठगने का कार्य कर रही है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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