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Shimla: निजी स्कूलों की मनमानी पर छात्र अभिभावक मंच ने किया विधानसभा का घेराव, रखी यह मांगे
Last Updated on September 17, 2020 by Deepak
शिमला। निजी स्कूलों (Private Schools) की मनमानी के खिलाफ एक बार फिर छात्र अभिभावक मंच ने अपनी आवाज बुलंद कर दी है। इस बार अभिभावक मंच की आवाज के साथ सैंकड़ों अभिभावकों ने भी अपनी आवाज उठाई है। गुरुवार को छात्र अभिभावक मंच (Student Guardian Forum) के साथ सैकड़ों अभिभावकों ने विधानसभा परिसर के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर सरकारी आदेशों को सही तरीके से लागू नहीं करने के आरोप लगाए गए। छात्र अभिभावक मंत्र ने एडीएम शिमला (SDM Shimla) के माध्यम से सीएम जयराम को 15 सूत्रीय मांग पत्र भी भेजा। जिसमें अभिभावकों ने निजी स्कूलों पर नियंत्रण करने के लिए सरकार से कानून बनाने की मांग उठाई।
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विक्ट्री टनल से विधानसभा परिसर तक निकाली रोष रैली में छात्र अभिभावक मंच और अभिभावकों ने मंत्रिमंडल की बैठक में हुए फैसले का अभी तक पालन नहीं होने को लेकर रोष जताया। छात्र अभिभावक मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा व सदस्य विवेक कश्यप ने कहा है कि प्रदेश के केवल पांच हजार कारखानेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए विधानसभा (Vidhan Sabha) में एक ही दिन में पांच अध्यादेशों पर मुहर लगा दी गई जबकि प्रदेश सरकार निजी स्कूलों को संचालित करने व इन से जुड़े 16 लाख छात्रों व अभिभावकों को प्रभावित करने वाले कानून को जानबूझ कर लटका रही है। इस कानून का प्रस्ताव हिमाचल सरकार (Himachal Govt) के पास एक वर्ष से पड़ा हुआ है। हिमाचल प्रदेश में कार्यरत लगभग तीन हजार निजी स्कूलों में मनमानी लूट हो रही है। उन्होंने कहा कि अभिभावक पिछले दो वर्षों से प्रदेशभर में इन स्कूलों में प्रवेश प्रक्रियाए पाठ्यक्रम व फीसों को संचालित करने के लिए कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। जिस पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
छात्र अभिभावक मंच ने अपने ज्ञापन में रखी हैं यह मांगे
निजी स्कूलों की मनमानी लूट व भारी फीसों पर रोक लगाई जाए़़, निजी स्कूलों को संचालित करने के लिए तुरंत कानून बनाया जाए, निजी स्कूलों को संचालित करने के लिए रेगुलेटरी कमीशन बनाया जाए, निजी स्कूलों में टयूशन फीस के अलावा अन्य चार्जेज पर रोक लगाई जाए, ट्यूशन फीस कुल फीस का 50 प्रतिशत से अधिक न हो, इसे सुनिश्चित किया जाए, निजी स्कूलों को फीस बुकलेट जारी करना अनिवार्य किया जाए, निजी स्कूलों में पीटीए गठन अनिवार्य किया जाए, ऑनलाइन क्लासेज के मोबाइल डाटा खर्च की फीस से कटौती की जाए, गरीब छात्रों को ऑनलाइन क्लासेज से बाहर करना बंद किया जाए, निजी स्कूलों में शिक्षा का अधिकार कानून 2009 लागू किया जाए, वर्ष 2014 की मानव संसाधन विकास मंत्रालय की गाइडलाइन लागू की जाए, जिन स्कूलों ने ऑनलाइन क्लासेज नहीं लगाई हैं वहां पूरी फीस माफ की जाए, फीस की आड़ में अभिभावकों व बच्चों को डराना धमकाना बंद किया जाए।