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शिमला। प्रदेश की राजधानी में इन दिनों निजी स्कूलों के टयूशन फीस (Tuition fees) के साथ अन्य चार्जेज़ वसूली का मामला छाया हुआ है। इसी मुद्दे को लेकर छात्र-अभिभावक मंच (Student-Parent Forum) के प्रतिनिधिमंडल के साथ अतिरिक्त शिक्षा निदेशक,संयुक्त शिक्षा निदेशक व सहायक निदेशक के साथ आज हुई बैठक में तीखी नोंक झोंक तक हो गई। करीब दो घंटे तक चली इस बैठक में एक समय ऐसा आया जब मंच के पदाधिकारी निदेशक के कमरे में धरने (Dharna) पर बैठ गए। उनका आरोप था कि शिक्षा अधिकारी निजी स्कूलों के प्रति नरम रवैया अपनाए हुए हैं। इस दौरान मंच के सदस्यों व पदाधिकारियों के मध्य काफी देर तक तनाव की स्थिति बनी रही। प्रदर्शनकारी तभी धरने से उठे जब अधिकारियों ने 10 नवंबर व 8 दिसंबर की छात्र व अभिभावक विरोधी अधिसूचनाओं को रद्द करने व निजी स्कूलों की टयूशन फीस के अतिरिक्त अन्य सभी प्रकार के चार्जेज़ पर रोक लगाने का आश्वासन दिया व इस संदर्भ में अधिसूचना जारी करने की बात कही। प्रदर्शन में विजेंद्र मेहरा,फालमा चौहान, विवेक कश्यप, जियानंद शर्मा,कमलेश वर्मा,विक्रम चौहान,मीनाक्षी कश्यप,बाबू राम,हिमी देवी,बालक राम,रामप्रकाश,रमन थारटा,अनिल ठाकुर,रविन्द्र चन्देल,ओमप्रकाश व गौरव नाथन आदि मौजूद रहे।
इससे पहले हिमाचल प्रदेश ने निजी स्कूलों द्वारा टयूशन फीस के साथ अन्य चार्जेज़ की वसूली के खिलाफ शिक्षा निदेशालय शिमला के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। मंच ने निजी स्कूलों द्वारा छात्रों व अभिभावकों की मानसिक प्रताड़ना पर रोक लगाने की मांग की है। मंच ने प्रदेश सरकार को चेताया है कि अगर उसने पूर्ण फीस वसूली के निर्णय को जबरन लागू करने की कोशिश की तो इसके खिलाफ जोरदार आंदोलन होगा।
इस दौरान तीन घंटे तक प्रदेश सरकार,शिक्षा विभाग व निजी स्कूल प्रबंधनों के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की गई। मंच के सदस्यों ने शिक्षा निदेशक को चेताया है कि अगर उन्होंने निजी स्कूलों की एनुअल चार्जेज़,कम्प्यूटर फीस,स्मार्ट क्लास रूम व अन्य चार्जेज़ की वसूली पर रोक न लगाई तो आंदोलन तेज होगा। उन्होंने निजी स्कूलों में पढ़ने वाले छह लाख छात्रों के दस लाख अभिभावकों सहित कुल सोलह लाख लोगों से निजी स्कूलों की पूर्ण फीस उगाही का पूर्ण बहिष्कार करने की अपील की है। विजेंद्र मेहरा ने शिक्षा निदेशक की 8 दिसम्बर की अधिसूचना को निजी स्कूलों की मनमानी को बढ़ाने वाला कदम बताया है। उन्होंने एनुअल चार्जेज़,कम्प्यूटर,स्मार्ट क्लास रूम फीस आदि के नाम पर मानसिक तौर पर प्रताड़ित करने वाले निजी स्कूल प्रबंधनों पर सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाए।
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