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सुनैना जसवाल/ ऊना। जिला ऊना के उपमंडल बंगाणा की राजकीय माध्यमिक पाठशाला हारसा का एक ऐसा कारनामा सामने आया है, जिसने शिक्षा विभाग पर सवालिया निशान लगा दिया है। स्कूल के अध्यापकों ने स्कूली छात्रों से स्कूटर पर डेस्क ढुलवाया। अध्यापकों के इस कारनामे का पूरा वीडियो सामने आने के बाद विभाग मामले की जांच का दावा कर रहा है, लेकिन सवाल यह उठता है कि अगर इस दौरान कोई हादसा हो जाता, तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेता। बहरहाल, कभी स्कूली बच्चों से अपना बोझा उठवाने, तो कभी छात्रों से काम करवाने को लेकर चर्चा में रहने वाले हिमाचल प्रदेश के अध्यापकों का यह एक और नया कारनामा सामने आया है। जिन स्कूलों में अध्यापक बच्चों को 18 साल से कम उम्र में वाहन न चलाने के प्रति जागरूक करते हैं अगर वे ही अध्यापक आठवीं में पढ़ने वाले बच्चों से स्कूटर पर स्कूल के डेस्क ढुलवाते हैं तो आप इसे क्या कहेंगे। ऐसा ही मामला जिला ऊना के उपमंडल बंगाणा के गांव हारसा में सामने आया है। हारसा के राजकीय माध्यमिक पाठशाला के दो बच्चे इस वीडियो में स्कूटर पर डेस्क ढो रहे हैं।
स्कूल के मुख्याध्यापक ने कहा, कि उन्होंने बच्चों को रिपेयर को दिए गए डेस्क लाने को तो कहा था, लेकिन उन्हें यह नहीं पता था कि बच्चे स्कूटर पर डेस्क लेकर आए हैं। जब इस बारे में प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक कार्यालय के अधीक्षक अश्वनी शर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा, कि शिक्षा उपनिदेशक काम से बाहर गए हैं। वापस लौटते ही उनके ध्यान में मामला लाया जाएगा। अब सवाल यह उठता है कि अगर बच्चों के साथ कोई अनहोनी हो जाती तो क्या स्कूल के मुख्याध्यापक, अध्यापक या विभागीय अधिकारी इसकी जिम्मेदारी लेते?
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