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कोरोना संकट के कारण इस समय दुनियाभर में प्रदूषण के खिलाफ भी काफी सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। प्रदूषण (Pollution) को कम करने के लिए कई तरह के प्लान तैयार किए जा रहे हैं। प्रदूषण को बढ़ाने की एक वजह बढ़ते वाहन भी हैं इसलिए दुनियाभर में इस समय इलेक्ट्रिक कारों की डिमांड तेजी से बढ़ रही है। ये कारें न सिर्फ पर्यावरण को प्रदूषण से बचाती हैं बल्कि इन्हें चलाने में बहुत कम खर्च आता है। दुनियाभर की ऑटोमोबाइल कंपनियां इन कारों को बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रही हैं। डच छात्रों की एक टीम ने कचरे का इस्तेमाल करके बेहतरीन इलेक्ट्रिक स्पोर्ट्स कार (Electric Sports Car) का निर्माण किया है। दरसअल छात्रों ने समुद्र से निकाले गए प्लास्टिक, रीसाइकल्ड पेट बॉटल्स और घरों से निकलने वाले कचरे के इस्तेमाल से इस कार को तैयार किया है।
इलेक्ट्रिक कार का निर्माण करने वाले ये छात्र टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ़ आइंडहोवन में पढ़ाई करते हैं। छात्रों ने कचरे की मदद से तैयार की गई इस कार को स्पोर्टी लुक दिया है। ये टू-सीटर कार (Two-seater car) है जिसे पीले कलर से पेंट किया गया है। छात्रों ने इस कार को ‘Luca’ नाम दिया है। ये कार 90 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ़्तार पकड़ने में सक्षम है। रेंज की बात करें तो ये कार एक बार चार्ज होने के बाद 220 किलोमीटर की दूरी तय करने में सक्षम है। कार के बारे में दी गई ये जानकारी टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ़ आइंडहोवन की तरफ से दी गई है। इस कार को बनाने में हार्ड प्लास्टिक का इस्तेमाल किया गया है जो घर में इस्तेमाल होने वाले इलेक्ट्रॉनिक अप्लाइंसेज और खिलौनों से मिलता है।
बता दें कि घरेलू कचरे में से हार्ड प्लास्टिक को निकाल कर इस कार को बनाने में इस्तेमाल किया गया है। इसके साथ ही इस इलेक्ट्रिक कार के कुशन और सीट्स बनाने में हॉर्स हेयर्स और कोकोनट हेयर्स का इस्तेमाल किया गया है। Luca को तैयार करने में 22 छात्रों की टीम ने एक साथ मिलकर मेहनत की है। ख़ास बात ये है कि इतनी बड़ी टीम होने के बावजूद इस कार को तैयार करने में पूरे 18 महीने का समय लगा है। हालांकि ये कार अब बनकर तैयार है और दुनियाभर की ऑटोमोबाइल कंपनियां इस कार पर नजर बनाए हुए हैं।
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