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Subhash Paras | litterateur | Una
Last Updated on October 1, 2023 by sintu kumar
दिव्यांगता के चलते 32 वर्ष से बिस्तर पर पड़े जिला ऊना के सलोह निवासी 46 वर्षीय साहित्यकार सुभाष पारस ने अपनी बहन की हत्या के बाद दर-दर भटकने के बाद भी इंसाफ नहीं मिला तो उन्होंने इस पूरी कहानी को बयां करती पंजाबी रचना ‘सरोज एक दास्ताँ’ को लिख दिया. रविवार को पंजाब की विभिन्न साहित्यिक संस्थाओं के वरिष्ठ पदाधिकारी द्वारा उनके घर पहुंच कर लॉन्च की. पुस्तक की लॉन्चिंग पर जहां सुभाष पारस भावुक दिखे वहीं इस पुस्तक के प्रकाशन में उनका सहयोग देने वाली विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारियों ने उनके हौसले और जब्बे की जमकर सराहना की।