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Sukhu Govt | OPS | HP CAG Report |
हिमाचल सरकार के कई स्थानीय निकायों और प्राधिकरणों ने 2,795.23 करोड़ रुपये का हिसाब नहीं दिया कि यह राशि कहां खर्च हुई। इसके लिए विभिन्न योजनाओं के 2,990 उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं दिए गए। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक यानी कैग ने इस पर कड़ी टिप्पणी की है। कैग के अनुसार ओपीएस की बहाली से हिमाचल की आर्थिक सेहत बिगड़ेगी। इस पर भी अपनी राय यह कहते हुए दी है कि वर्ष 2023-24 के दौरान राज्य सरकार की ओर से पुरानी पेंशन योजना -ओपीएस बहाली से भविष्य में राज्य पर वित्तीय प्रभाव पड़ेगा। कैग के अनुसार 2,795.23 करोड़ के प्रोजेक्टों के 2,990 उपयोगिता प्रमाणपत्र 31 मार्च 2024 तक प्रस्तुत करने के लिए लंबित थे।उपयोगिता प्रमाणपत्र जमा न करने के मद्देनजर इस बात पता नहीं है कि 2,795.23 करोड़ रुपये वास्तव में उस प्रयोजन के लिए खर्च और उपयोग किए गए हैं, जिसके लिए इसे विधानमंडल की ओर से अनुमोदित किया गया था।