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Sukhu: गफूर खान/धर्मशाला। एसोसिएट विधायकों को लेकर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बड़ा खुलासा किया है। सुक्खू ने कहा कि यह न तो कांग्रेस के सदस्य थे और न हैं। पिछले विधानसभा चुनावों में बीजेपी से जुड़े 4 लोग निर्दलीय विधायक के रूप में चुने गए और यह लोग कांग्रेस के एसोसिएट बन गए। यह लोग सरकार के साथ जुड़े रहे लेकिन कांग्रेस से इनका कोई वास्ता नहीं है। यह सब तो कांग्रेस के प्राथमिक सदस्य तक नहीं हैं। यह जब जीतकर आए थे तब भी कांग्रेस के नहीं थे और आज भी कांग्रेस के नहीं हैं। सुक्खू ने कहा कि यह चारों विधायक सरकार के साथ जुड़े जरूर हैं, लेकिन सरकार का हिस्सा नहीं हैं।
एसोसिएट विधायकों द्वारा धीरे-धीरे बीजेपी का दामन थामने के सवाल पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि शुरू से ही एसोसिएट विधायकों की पृष्ठभूमि बीजेपी की रही है तो इससे कांग्रेस को कोई फर्क नहीं पड़ता है। कांग्रेस के लिए यह खुशी की बात है कि कांग्रेस का एक भी कार्यकर्ता पूरे प्रदेश में बीजेपी में शामिल नहीं हुआ है, जबकि बीजेपी के कार्यकर्ता अपने शीर्ष नेतृत्व से दुखी और अपनी अनदेखी से आहत होकर कांग्रेस का हाथ थाम रहे हैं।
सुक्खू ने कहा कि जो एसोसिएट विधायक बीजेपी में चले गए हैं वो पहले भी हमारे नहीं थे तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। जो एसोसिएट विधायक कांग्रेस में शामिल होना चाहते हैं उनके बारे में पार्टी मिलकर विचार करेगी कि उनका क्या करना है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि कांग्रेस के जिन लोगों ने बगावत करके चुनाव लड़ा था उन्होंने भी बीजेपी ज्वाइन नहीं की। उन लोगों ने भी कांग्रेस में फिर से शामिल होने के लिए आवेदन किया है जिस पर विचार-विमर्श चल रहा है।
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ठाकुर कौल सिंह का इस मसले पर कहना है कि यह निर्दलीय विधायक अपने लालच के लिए कांग्रेस सरकार के एसोसिएट बने थे। इंदौरा विधानसभा क्षेत्र के विधायक मनोहर धीमान ने तो खुद ही उनसे कहा था कि वह कांग्रेस में शामिल नहीं हो सकते। जब वह राहुल गांधी से मिलकर लौटे थे तो धीमान का कहना था कि वह कांग्रेस से जुड़ ही नहीं सकते क्योंकि वह स्वयं आरएसएस से जुड़े हुए हैं।
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