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सुंदरनगर। क्षेत्र के एक बाल आश्रम (Child labor) के छात्र की पीजीआई (PGI) में मौत के बाद बाल आश्रम पर सवाल उठाने शुरू हो गए हैं। 11 वर्षीय छात्र ने पीजीआई में मौत से तीन घंटे पहले अपनी मां के सामने जो खुलासा किया, अगर वह बात सच है तो यह एक चिंता का विषय माना जा सकता है। बाल आश्रम में रहने वाले बच्चों के भविष्य पर सवाल है। दूसरी तरफ आज छात्र परिजन और गांव के लोग डीएसपी सुंदरनगर (DSP Sundernagar) से मिलने पहुंचे। मगर डीएसपी व एसएचओ किसी बैठक में गए थे। ऐसे में उन्होंने अतिरिक्त एसएचओ से मुलाकात कर अपनी बात रखी। इसके अलावा मंडी स्थित चाइल्ड लाइन को भी मामले की सूचना दी है।
छात्र के मामा और चाचा ने बताया कि छात्र को तीन अप्रैल को सुंदरनगर के सिविल अस्पताल (Civil Hospital) में भर्ती किया गया, फिर उसे शिमला ले गए। मगर वहां भी सुधार न होने से उसे पीजीआई ले गए। पीजीआई में उसकी मौत 30 अप्रैल को हो गई। मगर मरने के तीन घंटे पहले उसने अपनी मां को सारी बात बताई। बात सुनकर मां रोने लग पड़ी। मामा जब कमरे में आए तो उन्होंने रोने का कारण पूछा। जब मामा को पता चला तो उन्होंने मोबाइल से छात्र की बात रिकार्ड की। छात्र ने बताया कि बाल आश्रम में उसके साथ कैसी-कैसी ज्यादतियां की गईं। उसी आश्रम का 12वीं में पढ़ने वाला छात्र न केवल उस बच्चे को यातनाएं देता था, बल्कि और बच्चे भी पीड़ित हैं। मामा के अनुसार इस वीडियो के बनने के तीन घंटे के बाद उसके भानजे की मौत हो गई। दाह संस्कार के बाद मामले की शिकायत (Complaint) पुलिस को दी। पुलिस ने बाल आश्रम में दबिश दी, बच्चों से बातचीत भी की। बच्चों ने भी बात स्वीकारी है। मगर पुलिस ने संस्थान के उस आरोपी बच्चे के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। इसी बात को लेकर परिजन सुंदरनगर के डीएसपी से मिलने आए थे। हालांकि अतिरिक्त एसएएचओ प्रकाश चंद ने बताया कि परिजन और पंचायत के लोग मिलने आए थे, उनकी बात सुनी गई उच्चाधिकारियों से चर्चा करने के बाद जांच शुरू हो जाएगी।
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