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फोरलेन कंपनी की लापरवाही से धंस गए पुल व सड़क, सैंकड़ों वाहन हो चुके हैं दुर्घटनाग्रस्त
Sundernagar Fourlane Bypass : मंडी : किरतपुर-मनाली फोरलेन (Kiratpur-Manali Fourlane) का कार्य इन दोनों प्रगति पर है कई स्थानों पर फोरलेन को यातायात (Transport) के लिए शुरू कर दिया गया है और कई स्थानों पर अभी कार्य जारी है। मंडी जिला में सुंदरनगर बाईपास शुरू होने के दो माह के बाद ही अधितकतर स्थानों पर बुरी तरह से उखड़ गया है। जिस कारण हाईवे (High Way) को मरम्मत कार्य खत्म होने तक एक तरफ से आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया है।
दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग
बाइपास के निर्माण में गुणवत्ता को दरकिरान करने को लेकर बार-बार शिकायत होने के बाद भी एनएचएआई के अधिकारियों द्वारा निर्माण कार्य में लगी कंपनी पर कोई भी कार्रवाई अमल में नहीं लाई जा रही है। इसको लेकर पूर्व प्रशासनिक अधिकारी बीआर कौंडल (Former administrative officer BR Kaundal) सहित स्थानीय लोगों ने आवाज उठा कर मामले में सीबीआई जांच की मांग कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। पूर्व प्रशासनिक अधिकारी बीआर कौंडल का कहना है कि सुंदरनगर बाइपास (Four Lane) का निर्माण कंपनी द्वारा नियमों को ताक पर किया गया है। हाईवे को शुरू हुए अभी पूरे 2 महीने भी नहीं हुए हैं, लेकिन यह जगह-जगह पर बारिश के कारण पूरी तरह उखड़ गया है तथा पुल व सड़क धंस रहे हैं। फ्लाई ओवर का कार्य सही तरीके से नहीं हुआ है जिसके कारण यहां पर हादसों का दौर लगतार जारी है।
हाईवे को बनाने के लिए हुआ घटिया सामाग्री का इस्तेमाल
स्थानीय निवासी सोमनाथ ठाकुर ने बताया कि इस कार्य को करने के लिए घटिया सामाग्री (Poor Quality Material) का इस्तेमाल किया गया है। हाईवे को बनाने से पहले मेटिरियल की गुणवत्ता की जांच (Material quality check) की जाती है। लेकिन यहां पर इस तरह की कोई भी जांच नहीं की गई है। वाबजूद इसके इंजीनियरों ने हाइवे को पास कर ठेकेदार को पेमेंट (Payment To Contractor) जारी कर दी है। लेकिन अब एक माह में ही सुंदरनगर बाइपास फोरलेन का 60 प्रतिशत हिस्सा पूरी तरह से टूट चुका है। पूर्व में संबंधित अधिकारियों, ठेकेदार व प्रशासनिक अधकारियों को भी पत्र लिखकर मामले में जवाब मांगने की कोशिश की लेकिन कही से भी किसी पत्र का जवाब नहीं दिया गया। सोमनाथ ठाकुर ने कहा कि अधिकारियों को उनके द्वारा पहले ही चेताया गया था कि निर्माण में गुणवत्ता वाले मेटीरियल का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। परिणामस्वरुप बरसात के दो माह के भीतर ही यह हाइवे पूरी तरह से उखडने लग गया है और आने वाले समय में और अधिक खराब हो जाएगा।
हाईवे उखड़ने के कारण यहां हादसों का खतरा
जन समाधान केंद्र मंडी (Jan Samadhan Kendra Mandi) के सदस्य राज कमल ने बताया बरसात की पहली बारिश के कारण सुंदरनगर बाइपास फोरलेन पूरी तरह से उखड़ गया है तथा इसमें गहरे गड्ढे पड़ गए है। हिमाचल प्रदेश में यह एनएचएआई (NHAI) द्वारा किस तरह से कार्य किया जा रहा है, हैरानी भरी बात है। हाईवे के उखडने के कारण यहां पर हादसों का खतरा (Risk Of Accidents) बना हुआ है हाथ से उखाडने पर इसके नीचे मिट्टी ही मिट्टी नजर आ रही है। राज कमल ने कहा कि इसे बनाने से पहले कई नेताओं ने ठेकेदारों से सांठ गांठ कर मलाई खाई है और जनता को आज हाईवे पर मरने के लिए छोड़ दिया है उन्होंने मामले में केंद्र सरकार से सीबीआई जांच (CBI Investigation) की मांग उठाई है।