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Triple Talaq: नई दिल्ली। तीन तलाक के मुद्दे पर मंगलवार को चौथे दिन भी सुनवाई जारी रही। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि तीन तलाक का पिछले 1400 साल से जारी है। अगर राम का अयोध्या में जन्म होना, आस्था का विषय हो सकता है तो तीन तलाक का मुद्दा क्यों नहीं। जहां आस्था की बात हो तो फिर उसमें संवैधानिक नैतिकता और समानता का सवाल ही नहीं उठता।
कपिल सिब्बल ने कहा कि इस्लाम धर्म ने महिलाओं को काफी पहले ही अधिकार दिए हुए हैं। परिवार और पर्सनल लॉ संविधान के तहत हैं, यह व्यक्तिगत आस्था का विषय है। सुनवाई के दौरान मुकुल रोहतगी ने कहा कि अगर सऊदी अरब, ईरान, इराक, लीबिया, मिस्र और सूडान जैसे देश तीन तलाक जैसे कानून को खत्म कर चुके हैं तो हम क्यों नहीं कर सकते।अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने पीठ से कहा कि अगर अदालत तुरंत तलाक के तरीके को निरस्त कर देती है तो हम लोगों को अलग-थलग नहीं छोड़ेंगे। हम मुस्लिम समुदाय के बीच शादी और तलाक के नियमन के लिए एक कानून लाएंगे।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में इस मसले पर रेगुलर सुनवाई हो रही है। यह सुनवाई चीफ जस्टिस जेएस खेहर की अगुआई में 5 जजों की कॉन्स्टिट्यूशनल बेंच कर रही है। बता दें कि ट्रिपल तलाक को लेकर 11 मई से सुनवाई चल रही है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हम सिर्फ ये समीक्षा करेंगे कि तलाक-ए-बिद्दत यानी एक बार में तीन तलाक और निकाह हलाला इस्लाम धर्म का अभिन्न अंग है या नहीं। कोर्ट इस मुद्दे को इस नजर से भी देखेगा कि क्या तीन तलाक से मुस्लिम महिलाओं के मूलभूत अधिकारों का हनन हो रहा है या नहीं।
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