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सुप्रीम कोर्ट में EWS के 10 फीसदी आरक्षण पर फैसला सुरक्षित, इस सवाल पर अटका मामला
Last Updated on September 27, 2022 by sintu kumar
उच्च शिक्षा में ईडब्ल्यूएस (EWS) को दस फीसदी आरक्षण के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने फैसला सुरक्षित कर लिया है। शीर्ष अदालत में इस संबंध में साढ़े छह दिन तक सुनवाई हुई। आज कोर्ट में शिक्षण संस्थानों में दाखिले और सरकारी नौकरियों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए दस प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करने वाले संविधान के 103वें संशोधन की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई हुई।
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बता दें कि चीफ जस्टिस यूयू ललित (CJI UU Lalit) की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता समेत अन्य वरिष्ठ वकीलों की दलील सुनीं। इसके बाद कोर्ट ने इस प्रश्न पर फैसला सुरक्षित रख लिया कि ईडब्ल्यूएस कोटे ने संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन किया है या नहीं।
गौरतलब है कि इससे पहले 13 सितंबर को सुनवाई हुई थी, जिसमें एकेडमिशियन मोहन गोपाल ने ईडब्ल्यूएस कोटे का विरोध किया था। इसी के चलते आखिरी दिन याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने केंद्र सरकार की दलीलों का जवाब दिया। सीनियर एडवोकेट प्रो. रवि वर्मा कुमार ने पहाड़ों, घाटियों और आधुनिक सभ्यता से दूर के क्षेत्रों में रहने वाले विभिन्न अनुसूचित जनजातियों की दुर्दशा के बारे में बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार (Central Government) ने अभी आरक्षण और गरीबी के बीच गठजोड़ नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने ये भी स्पष्ट नहीं किया है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को आरक्षण के बजाय अन्य लाभ क्यों नहीं दिए जा सकते हैं।