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SC ने खारिज की पलायन से जुड़ी PIL, केंद्र से कालाबाजारी करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने को कहा
नई दिल्ली। भारत में लगाए गए 21 दिनों लंबे देशव्यापी लॉकडाउन के बीच सुप्रीम कोर्ट ने मजदूरों की पलायन से जुड़ी सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है। इस मसले पर कोर्ट ने कहा है कि लाखों लोगों के पास लाखों विचार हैं। हम सभी के विचार नहीं सुन सकते। इसके लिए सरकार को बाध्य नहीं कर सकते। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई इस याचिका में होटल और रिसॉर्ट्स का इस्तेमाल प्रवासी मजदूरों के लिए किए जाने की मांग की गई थी। दलील थी कि शेल्टर होम में पर्याप्त स्वच्छता और सुविधा नहीं मिल पा रही है। इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को खारिज कर दिया।
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इसके आलव लॉकडाउन लागू होने के बाद पलायन करने वाले सभी तरह के मज़दूर व रेहडी पटरी लगाने वालों को लॉक डाउन की अवधि में उनका वेतन या न्यूनतम वेतन दिए जाने की मांग वाली एक अन्य याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। मामले में अगली सुनवाई सात अप्रैल को होगी। वहीं दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मास्क (Mask) और सैनिटाइजर (Sanitizer) की कालाबाज़ारी के खिलाफ दायर याचिका पर केन्द्र सरकार को आदेश दिया है कि सरकार मास्क और सैनिटाइजर की अधिकतम कीमत तय करने वाली अपनी अधिसूचना का प्रचार-प्रसार करे और इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।
मामले की सुनवाई के दौरान सरकार ने बताया कि अधिक कीमत पर इन्हें बेच रहे लोगों की शिकायत के लिए हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। याचिकाकर्ता वकील ने कहा कि मास्क और सेनेटाइजर इस समय मेडिकल की लाइन में ज़रूरी वस्तु की कैटेगरी में है जो कि फ्री मिलनी चाहिए। कोरोना के मद्देनज़र सेनिटाइजर और मास्क की कालाबाज़ारी के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी जिसमें दाम नियंत्रित करने और मास्क फ्री बांटने की मांग की गई थी।