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नई दिल्ली। रिपब्लिक टीवी के एडिटर अर्नब गोस्वामी से जुड़े एक केस में शुक्रवार को महाराष्ट्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने महाराष्ट्र विधानसभा के सचिव को अर्नब गोस्वामी (Arnab Goswami) को धमकी वाला पत्र भेजने के लिए शुक्रवार को अवमानना नोटिस जारी किया। इसके साथ कोर्ट द्वारा इस मामले में गोस्वामी की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा की ओर से अर्णब गोस्वामी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस जारी हुआ था। जिसके खिलाफ अर्नब गोस्वामी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इसके बाद उन्हें सचिव की ओर से एक पत्र भेजा गया था।
अब सुप्रीम कोर्ट ने 30 अक्टूबर को महाराष्ट्र विधानसभा सचिवालय के सचिव की तरफ से अर्नब गोस्वामी को लिखी चिट्ठी पर गहरी नाराजगी जताई है। विधानसभा सचिवालय के सचिव ने अर्नब गोस्वामी को लिखी चिठ्ठी में कहा था, ‘कार्यवाही गोपनीय है और विधानसभा स्पीकर की अनुमति के बगैर पत्र में यह जानकारी दी। यह एक गम्भीर मामला है। यह अवमानना की कार्रवाई के तहत आता है।’ कोर्ट ने विधानसभा सचिवालय (Maharashtra Assembly) के सचिव (secretary) को नोटिस जारी कर पूछा कि उनके खिलाफ कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई शुरू किया जाए। इसको लेकर कोर्ट ने 2 हफ्ते में जवाब मांगा है।
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि कोई इस तरह से कैसे डरा सकता है? इस तरह से धमकियां देकर किसी को अदालत में आने से कैसे रोका जा सकता है? हम इस तरह के आचरण की सराहना नहीं करते हैं। कोर्ट ने कहा कि हम चाहते हैं कि इस पर हम एमिकस क्यूरी की सहायता लें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विशेषाधिकार मामले में अर्नब की गिरफ्तारी ना हो।
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