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पटाखा बैन पर सुप्रीम कोर्ट ने दी सलाह- लोगों को सांस लेने दें, मिठाइयों पर करें खर्च
दिल्ली में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिका पर जल्द सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि लोगों को स्वच्छ हवा में सांस लेने दें, अपना पैसा मिठाई पर खर्च करें। बीजेपी नेता मनोज तिवारी के वकील शशांक शेखर झा ने दिवाली का हवाला देते हुए तत्काल सुनवाई की मांग की थी। याचिका में कहा गया था कि जीवन के अधिकार के बहाने धर्म की स्वतंत्रता को नहीं छीना जा सकता है। मनोज तिवारी ने सरकार को पटाखों की बिक्री, खरीद और पटाखे चलाने के संबंध में नए दिशानिर्देश जारी करने के लिए निर्देश देने की मांग की थी। उन्होंने सामान्य प्रतिबंध पर सवाल उठाया था, जब सुप्रीम कोर्ट ने खुद ग्रीन पटाखों को चलाने की अनुमति दी थी.
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इससे पहले आज ही दिल्ली हाई कोर्ट ने भी दिल्ली पलूशन कंट्रोल कमिटी (डीपीसीसी) के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर यह कहते हुए सुनवाई से इनकार कर दिया कि मुद्दा अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। एक दिन पहले ही दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा था कि राजधानी में पटाखों का उत्पादन, भंडारण और बिक्री सजा योग्य अपराध है। उन्होंने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने पर 5000 हजार रुपए जुर्माना और 3 साल तक जेल की सजा हो सकती है। दिल्ली में पटाखा खरीदने और आतिशबाजी करने पर भी रोक है। इसका उल्लंघन करते हुए पकड़े जाने पर 200 रुपए जुर्माना और 6 महीने जेल की सजा का प्रवधान किया गया है।