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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पीडीपी नेता और जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) की नज़रबंदी (Detention) को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए जम्मू-कश्मीर प्रशासन को नोटिस (Notice) जारी कर जवाब मांगा है। दरअसल, महबूबा जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद से पब्लिक सेफ्टी ऐक्ट के तहत नज़रबंद हैं और उनकी बेटी इल्तिजा ने सुप्रीम कोर्ट में इसे लेकर याचिका दायर की थी।
जस्टिस अरूण मिश्रा, जस्टिस विनीत सरन और जस्टिस एम आर शाह की तीन सदस्यीय बेंच ने पीडीपी मुखिया की पुत्री इल्तिजा मुफ्ती से कहा कि वह लिखित में यह आश्वासन दें कि उन्होंने अपनी मां की नजरबंदी के खिलाफ उच्च न्यायालय सहित किसी अन्य न्यायिक मंच पर कोई याचिका दायर नहीं की है। बात दें कि बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका के माध्यम से किसी ऐसे व्यक्ति को न्यायालय में पेश करने का निर्देश देने का अनुरोध किया जाता है जिसे कथित रूप से गैरकानूनी तरीके से हिरासत में रखा गया हो।
बेंच ने इल्तिजा की वकील नित्या रामकृष्णन से सवाल किया कि उन्होंने उच्च न्यायालय में याचिका क्यों नहीं दायर की। नित्या रामकृष्णन ने उच्च न्यायालय के आदेश का जिक्र करते हुये कहा कि वह इस तरह की याचिका पर सुनवाई नहीं कर सकता और वैसे भी शीर्ष अदालत एक अन्य पूर्व सीएम उमर अब्दुला की नजरबंदी को चुनौती देने वाली याचिका का संज्ञान ले चुका है। पीठ इस याचिका पर 18 मार्च को सुनवाई करेगी।
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