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9 साल तक राज्य संघों का हिस्सा रह चुके, हो सकते हैं बीसीसीआई का हिस्सा
नई दिल्ली। पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर के लिए एक राहत भरी खबर है। अब अनुराग ठाकुर बीसीसीआई अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ सकते हैं। ऐसा हम नहीं कर रहे, बल्कि सुप्रीम कोर्ट ने इस बात को साफ किया है। सुप्रीम कोर्ट ने आज ये भी साफ कर दिया कि जो पदाधिकारी बीसीसीआई में नौ साल बिता चुके हैं, वे राज्य क्रिकेट एसोसिएशन का हिस्सा हो सकते हैं। साथ ही जो पदाधिकारी राज्य क्रिकेट एसोसिएशंस का नौ साल तक हिस्सा रह चुके हों, वे भी बीसीसीआई का हिस्सा हो सकते हैं। आज सुनवाई के दौरान राज्य संघों की तरफ से कपिल सिब्बल ने इस बात पर आपत्ति जताई कि उनका पक्ष बिना सुने ही आदेश जारी कर दिया गया, उसके बाद कोर्ट ने अपना पुराना आदेश पढ़कर सुनाया। बीसीसीआई प्रशासकों की तरफ से कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई के रिव्यू पिटीशन को भी खारिज कर दिया था, जिस पर राज्य संघों की तरफ से कपिल सिब्बल ने कहा कि वे उसमें पक्षकार ही नहीं थे। बता दें कि अनुराग ठाकुर काफी लंबे अरसे से एचपीसीए का हिस्सा हैं। वर्तमान में वह एचपीसीए के अध्यक्ष हैं। ऐसे में बीसीसीआई अध्यक्ष पद पर वह चुनाव लड़ सकते हैं। ऐसी भी संभावनाएं जताई जा रही है कि अनुराग ठाकुर दोबारा बीसीसीआई अध्यक्ष बन सकते हैं। अनुराग ठाकुर अभी हाल ही में सुप्रीम कोर्ट से माफी चुके हैं।
Supreme Court Orders : India-Australia Test Series के अंतिम व चौथे टेस्ट मैच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई को ढाई करोड़ रुपये एचपीसीए को देने के आदेश दिए हैं, ताकि एचपीसीए धर्मशाला स्टेडियम में मैच को आयोजित करवाया जा सके। देश की सर्वोच्च अदालत ने बीसीसीआई से कहा कि वह कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक हिमाचल राज्य क्रिकेट एसोसिएशन को ढाई करोड़ रुपए का फंड दे, ताकि धर्मशाला स्टेडियम में होने वाले मैच को आयोजित करवाया जा सके।
गौरतलब है कि सीरीज का यह चौथा और अंतिम मैच बेहद अहम है, क्योंकि पहला मैच मेहमान ऑस्ट्रेलिया ने और दूसरा मैच मेजबान टीम इंडिया ने जीता था और तीसरा मैच ड्रॉ रहा था। फिलहाल दोनों टीमें सीरीज में 1-1 से बराबरी पर हैं। धर्मशाला टेस्ट मैच के अलावा सुप्रीम कोर्ट ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) को भी हरी झंडी दे दी और आईपीएल के मैचों के लिए फंड मुहैया कराने का आदेश बीसीसीआई को दिया, ताकि मैचों का आयोजन हो सके।
आईपीएल की शुरुआत 5 अप्रैल से होनी है। इसके अलावा बीसीसीआई में सुधार के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा तैनात लोढा पैनल की सिफारिशों में स्पष्टीकरण देते हुए कोर्ट ने कहा कि जो शख्स लगातार नौ साल तक बीसीसीआई में किसी पद पर रहा है, वह बीसीसीआई में किसी पद के लिए अयोग्य होगा, लेकिन वही शख्स किसी राज्य क्रिकेट संघ में रह सकता है और बिल्कुल इसी तरह, नौ साल तक किसी राज्य क्रिकेट संघ में पदाधिकारी रहने के बाद वही शख्स राज्य संघ में नहीं रह सकता, लेकिन वह बीसीसीआई में पद ग्रहण कर सकता है।
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