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प्रशांत भूषण अवमानना केस : 10 September तक टली सुनवाई, नई पीठ के पास जाएगा मामला
Last Updated on August 25, 2020 by
नई दिल्ली। वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ चल रहे अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 10 सितंबर तक टल गई है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण को कोर्ट की अवमानना का दोषी पाया था और उन्हें बिना शर्त माफी मांगने के लिए तीन दिन की मोहलत दी गई थी, जो कि सोमवार को समाप्त हो गई थी। प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan ) ने बयान दाखिल करके कह दिया कि वो माफी नहीं मांगेंगे। अब अदालत ने इस मामले को 10 सितंबर को एक अन्य पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया है।
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प्रशांत भूषण के वकील राजीव धवन ने इस मसले को संवैधानिक पीठ में भेजने की मांग की। मंगलवार को सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा (Justice Arun Mishra) ने कहा, ‘मेरे पास समय की कमी है। मैं पद से मुक्त होने वाला हूं। इसके लिए चार से पांच घंटे की विस्तृत सुनवाई की आवश्यकता है।’ अदालत ने कहा ‘यह सजा का सवाल नहीं है, यह संस्था में विश्वास का सवाल है। जब लोग राहत के लिए अदालत में आते हैं और वो आस्था डगमगा जाती है तो यह एक समस्या बन जाती है।’ बता दें कि न्यायमूर्ति मिश्रा दो सितंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। प्रशांत भूषण के वकील राजीव धवन ने तर्क दिया था कि न्यायाधीशों द्वारा भ्रष्टाचार के संदर्भ में कोई भी सवाल, क्या यह अवमानना है या नहीं, इसकी जांच एक संविधान पीठ द्वारा की जानी चाहिए।
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ये था पूरा मामला
बता दें कि 22 जून को वरिष्ठ वकील ने अदालत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे (Chief Justice SA Bobade) और चार पूर्व मुख्य न्यायाधीशों को लेकर टिप्पणी की थी। इसके बाद 27 जून के ट्वीट में प्रशांत भूषण ने सर्वोच्च न्यायालय के छह साल के कामकाज को लेकर टिप्पणी की थी। इन ट्वीट्स पर स्वत: संज्ञान लेते हुए अदालत ने उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की थी। अदालत ने उन्हें नोटिस भेजा था। इसके जवाब में भूषण ने कहा था कि सीजेआई की आलोचना करना उच्चतम न्यायालय की गरिमा को कम नहीं करता है। उन्होंने कहा था कि पूर्व सीजेआई को लेकर किए गए ट्वीट के पीछे मेरी एक सोच है, जो बेशक अप्रिय लगे लेकिन अवमानना नहीं है। इसलिए उन्होंने मामले में माफी नहीं मांगने का फैसला किया।