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सुप्रीम कोर्ट ने BS-4 वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर लगाई रोक; मार्च में बड़े पैमाने पर बिक्री पर जताया शक
Last Updated on July 31, 2020 by Deepak
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सभी परिवहन संस्थाओं से उसके अगले आदेश तक बीएस-4 वाहनों (BS-4 Vehicle) का रजिस्ट्रेशन रोकने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने मार्च में उसके आदेश का उल्लंघन कर बड़ी संख्या में वाहन बेचे जाने पर नाराज़गी जताते हुए ‘फर्ज़ीवाड़ा’ होने की आशंका भी जताई। कोर्ट ने डीलरों द्वारा मार्च से दिए गए विज्ञापनों का ब्योरा मांगा है। इस मामले की सुनवाई 13 अगस्त को होगी। बता दें कि SC से 1.05 Lk BS-IV गाड़ियों को बेचने की अनुमति मिली थी। लेकिन ऑटो कंपनियों ने करीब 2.55 लाख गाड़ियां बेचीं। पिछली सुनवाई में SC ने रजिस्ट्रेशन डिटेल मांगी थी। SC ने कुल स्टॉक का 20 फीसदी बेचने की इजाजत दी थी। लेकिन कंपनियों में आदेश का पालन नहीं किया और तय लिमिट से ज्यादा गाड़ियां बेचीं।
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अदालत शक्तिहीन नहीं है, डीलरों पर ऐक्शन भी ले सकती है
इससे पहले कोर्ट ने BS-4 वाहन की बिक्री के लिए लॉकडाउन के बाद 10 दिन की मोहलत का अपने पुराने आदेश को वापस ले लिया था। शीर्ष अदालत ने साथ ही कहा कि इन 10 दिन में बेचे गए बीएस-4 वाहन का रजिस्ट्रेशन ना किया जाए। कोर्ट के आदेश के बाद अब 31 मार्च के बाद बिके BS-4 वाहनों का रजिस्ट्रेशन रुक गया था। इधर डीलरों के पास बड़ी संख्या में BS-4 टू-व्हीलर और फोर-व्हीलर गाड़ियां बिक्री के लिए बची थीं। इसलिए डीलर बीएस-4 वाहनों की बिक्री और रजिस्ट्रेशन की डेडलाइन बढ़ाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। इसपर सुप्रीम कोर्ट ने डीलरों को तय अनुपात के आधार पर बीएस-4 वाहनों को बेचने की परमिशन दी थी। शीर्ष अदालत ने पिछली सुनवाई में फेडरेशन ऑफ ओटोमोबील डीलर एसोसिएशन (FADA) को फटकार भी लगाई थी। कोर्ट ने कहा कि अभी भी बीएस-4 वाहन बेचे जा रहे हैं जोकि कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है। अदालत ने कहा कि वह शक्तिहीन नहीं है और डीलरों पर ऐक्शन भी ले सकती है।