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वन रैंक वन पेंशन पर केंद्र को झटका, सुप्रीम कोर्ट का सीलबंद लिफाफे में जवाब लेने से इनकार
Last Updated on March 21, 2023 by saroj patrwal
वन रैंक वन पेंशन पर सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court) ने अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने केंद्र को 30 अप्रैल 2023 तक वन रैंक वन पेंशन योजना (One Rank, One Pension Scheme)के तहत योग्य पेंशनरों और सशस्त्र बलों के वीरता विजेताओं को 30 जून 2023 तक 70 वर्ष से अधिक के योग्य पेंशनरों और शेष पात्र पेंशनरों को समान किस्तों में या उससे पहले बकाया राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार ओआरओपी योजना के संदर्भ में 2022 के फैसले का पालन करने के लिए बाध्य है।
सीजेआई ने कहा- अदालत में पारदर्शिता होनी चाहिए
सुप्रीम कोर्ट ने वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) बकाया मामले में केंद्र द्वारा सीलबंद लिफाफे में सौंपे दस्तावेज को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। सीजेआई ने कहा कि हमें सीलबंद लिफाफे में जवाब देने के चलन पर रोक लगाने की आवश्यकता है।यह मूल रूप से निष्पक्ष न्याय की बुनियादी प्रक्रिया के विपरीत है। सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने कहा- हमें सुप्रीम कोर्ट में सीलबंद लिफाफे में जवाब दिए जाने के चलन पर रोक लगाने की जरूरत है.यह मूल रूप से निष्पक्ष न्याय दिए जाने की बुनियादी प्रक्रिया के विपरीत है.। सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा- व्यक्तिगत रूप से सीलबंद लिफाफे में जवाब दिए जाने के खिलाफ हूं। अदालत में पारदर्शिता होनी चाहिए। यह आदेशों को अमल में लाने को लेकर है। इसमें गोपनीय क्या हो सकता है।
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हालांकि, कोर्ट ने सरकार को ओआरओपी( OROP) के तहत परिवार वालों और अवॉर्ड विनर पेंशनर्स को इसी साल 30 अप्रैल तक भुगतान करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने ओआरओपी के तहत 70 साल से ज्यादा उम्र वाले पेंशनर्स के बकाए का भुगतान भी इसी साल 30 जून तक भुगतान करने सख्त आदेश दिया है।