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हल्द्वानी अतिक्रमण मामलाः सुप्रीम कोर्ट की हाईकोर्ट के फैसले पर रोक, राज्य सरकार व रेलवे को नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड के हल्द्वानी में जमीन अतिक्रमण मामले में फैसला सुनाया है। मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस कौल ने कहा कि रेलवे और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर रहे हैं। साथ ही वहां और अधिक कब्जे पर रोक लगे। फिलहाल हम हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक महीने बाद अगली सुनवाई होगी।
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जमीन खरीद-फरोख्त का सवाल है। कोर्ट ने रेलवे से कई सवाल पूछे हैं, जैसे कि अगर वहां से अतिक्रमण हटाया जाता है तो वहां बसे लोगों के पुनर्वास की व्यवस्था क्या है? वहां भूमि की प्रकृति क्या रही है? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह एक मानवीय संवेदना का मामला है। कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि वहां लोग 1947 से रह रहे हैं, उनके लिए कुछ तो करना होगा। वे लोग 60 साल बसे हुए हैं, ऐसे में उनके पुनर्वास की व्यवस्था करना होगा। कोर्ट ने कहा कि अचानक इतनी सख्त कार्रवाई कैसे कर सकते हैं। याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट को बताया कि डिमोलिशन के लिए वहां भारी फोर्स तैनात की गई है।
कोर्ट ने राज्य सरकार के निर्देश दिया है कि मामले का समाधान तीन पहलुओं पर देखें। कोर्ट ने कहा- या तो उन्हें उसी स्थान को विकसित करें, या नई जगह पुनर्वास कराएं या फिर अन्य कोई व्यवस्था करें। सुप्रीम कोर्ट ने माना कि यह बिल्कुल ठीक है कि रेलवे लाइन के पास अतिक्रमण नहीं दिया जा सकता, लेकिन उनके लिए पुनर्वास और अधिकारों पर तो गैर करना होगा। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा पहले यह भूमि 29 एकड़ और फिर ज्यादा बताई गई। एससी ने राज्य सरकार से सात दिनों के भीतर पुनर्वास का प्लान मांगा है।