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नई दिल्ली। शाहीन बाग़ (Shaheen Bagh) में नागरिकता संशोधन क़ानून (CAA) के विरोध में जारी आंदोलन के ख़िलाफ़ याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने प्रदर्शनकारियों से बात करने के लिए एक टीम बनाई है। जिसमें वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े के साथ वकील साधना रामचंद्रन को वार्ताकार (Negotiator) के तौर पर नियुक्त किया है। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा है कि इस टीम में मौजूद वजहत हबीबुल्लाह, चंद्रशेखर आजाद इस बातचीत के दौरान वार्ताकारों की मदद करेंगे।
जस्टिस संजय कौशल, जस्टिस के.एम. जोसेफ की बेंच ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि लोकतंत्र हर किसी के लिए, ऐसे में विरोध के नाम पर सड़क जाम नहीं कर सकते हैं। शीर्ष अदालत ने कहा है कि यह मुद्दा जनजीवन को ठप करने की समस्या से जुड़ा है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से हलफनामा देने को कहा है और अब इस मसले पर 24 फरवरी को अगली सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि लोगों को अपनी आवाज समाज तक पहुंचाने का अधिकार है। हम अधिकारों की रक्षा के विरोध के खिलाफ नहीं हैं। लोकतंत्र में अपनी आवाज जरूर पहुंचाएं।
कोर्ट ने आगे कहा कि समस्या दिल्ली के ट्रैफिक को लेकर है। लेकिन आप दिल्ली को जानते हैं, यहां के ट्रैफिक को भी जानते हैं। हर कोई सड़क पर उतरने लगे तो क्या होगा? यह जनजीवन को ठप करने की समस्या से जुड़ा मुद्दा है। हमारी चिंता इस बात को लेकर अगर लोग सड़कों पर उतर आएं और प्रदर्शन से सड़क बंद कर दें तो क्या होगा? अधिकारों और कर्तव्य के बीच संतुलन जरूरी है। शीर्ष अदालत ने शाहीन बाग प्रदर्शन पर कहा कि वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े प्रदर्शनकारियों से बात करें। संजय हेगड़े ने पूर्व जस्टिस कुरियन जोसेफ से भी चलने की अपील की।
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