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एक हफ्ते लेट केरल पहुंचा मानसून, बिपरजॉय ने दी ताकत
तिरुवनंतपुरम। मौसम विभाग (IMD) ने गुरुवार को मानसून के केरल पहुंचने की घोषणा कर दी है। आमतौर पर 1 जून को आने वाला मानसून इस साल एक हफ्ता लेट आया है। IMD ने पहले 4 जून को मानसून के केरल पहुंचने की बात कही थी। आगे मानसून के बढ़ने की रफ्तार अरब सागर में उठे बिपरजॉय तूफान पर निर्भर करेगी, जो पाकिस्तान की ओर बढ़ रहा है। अगर तूफान अपनी मूल उत्तर दिशा की ओर ही बढ़ता है तो मॉनसून के तेजी से आगे बढ़ने की पूरी संभावना है।
IMD ने बताया कि केरल में जिन जगहों से बिपरजॉय तूफान गुजरा था, वहां बादल छा गए थे। इसलिए बुधवार को केरल और लक्षद्वीप में भारी बारिश हुई। त्रिशूर, थालासेरी, कुडुलू, मंगलौर आदि में जैसे ही बारिश के मापदंड पूरे हुए, मानसून की घोषणा कर दी गई। यह बारिश आगे भी जारी रहने की संभावना है। दूसरी ओर, बंगाल की खाड़ी में मानसूनी बादलों की मोटी परत जम चुकी है। इसके चलते मानसून की पूर्वी रेखा अगले 24 घंटे में पूर्वोत्तर के राज्यों तक पहुंच सकती है।
60% निगरानी केंद्र अभी तक सूखे
मानसून आमतौर पर 8 जून तक देश के 8 राज्यों, यानी 35% जमीन को कवर कर लेता है। लेकिन इस बार यह हफ्ता भर लेट हो गया है। दरअसल, भारतीय मौसम विभाग जिन 14 केंद्रों पर दर्ज होने वाली बारिश के आधार पर मानसून की घोषणा करता है, उनमें से 60% केंद्रों पर दो दिन में लगातार 2.5 मिमी बारिश होनी जरूरी है जो अब तक नहीं हुई थी।
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