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cleanest city: नई दिल्ली। इन दिनों देशभर में स्वच्छता अभियान जोरों-शोरों पर है। देश को स्वच्छ-सुंदर बनाने के हर व्यक्ति बढ़-चढ़कर योगदान दे रहा है। स्वच्छता सर्वेक्षण के अनुसार मध्य प्रदेश के इंदौर को देश का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया है। वहीं, साफ-सुथरे शहरों की सूची में दूसरा स्थान भी इसी राज्य की राजधानी भोपाल ने हासिल किया है और देश में सबसे गंदे या अस्वच्छ शहर का दर्जा उत्तर प्रदेश के गोंडा को दिया गया है। स्वच्छता रैंकिंग में गोंडा के बाद दूसरा सबसे अस्वच्छ शहर महाराष्ट्र का भुसावल है।
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला ने स्वच्छता के मामले में टॉप 50 शहरों की सूची में जगह बनाई है। इस सूची में 47वें पायदान पर है यानी देश के 50 साफ-सुथरे शहरों में यह भी शामिल है। हिमाचल के दूसरे शहर कुल्लू को 259 वां स्थान मिला है। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने सरकार द्वारा जनता की रायशुमारी से किए गए ‘स्वच्छ सर्वेक्षण 2017’ में सबसे साफ 25 शहरों की सूची जारी कर दी है। कुल 434 शहरों में यह सर्वेक्षण किया गया था।
देश के शीर्ष 50 स्वच्छ शहरों में गुजरात के सर्वाधिक 12 शहर शामिल हैं और उसके बाद 11 शहरों के साथ मध्य प्रदेश दूसरे स्थान पर है। शीर्ष 50 स्वच्छ शहरों की सूची में आठ शहर आंध्र प्रदेश के भी हैं। इन परिणामों के मुताबिक, सबसे आखिरी पायदानों पर रहे 50 शहरों में से आधे शहर उत्तर प्रदेश से हैं। सबसे साफ शहरों में इंदौर और भोपाल के बाद तीसरे स्थान पर आंध्र प्रदेश का तटीय शहर विशाखापट्टनम है और गुजरात का सूरत शहर इस लिस्ट में चौथे स्थान पर है। पिछले साल इसी सर्वेक्षण का विजेता रहा कर्नाटक का मैसूर शहर इस साल पांचवें स्थान पर खिसक गया है।
देश के 434 शहरों और नगरों में कराए गए स्वच्छता सर्वेक्षण के मुताबिक इसमें हिस्सा लेने वाले 83 फीसदी से अधिक लोगों ने बताया कि उनका इलाके में पिछले साल के मुकाबले ज्यादा साफ-सफाई देखने को मिली है। सरकार की ओर से जारी सर्वेक्षण नतीजों में यह बात भी सामने आई है कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2017 के अनुसार 82% से ज्यादा नागरिकों ने स्वच्छता बुनियादी ढांचा और अधिक कूड़ेदान की उपलब्धता के अलावा घर-घर जाकर कूड़ा इकट्ठा करने जैसी सेवाओं में सुधार पर बात की, जबकि 80% लोगों ने सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालयों तक बेहतर पहुंच बनाए जाने पर जोर दिया। इसमें यह भी कहा गया है कि 404 शहरों और कस्बों के 75 फीसदी आवासीय क्षेत्र में ज्यादा सफाई देखी गई। इसके साथ ही 185 शहरों में रेलवे स्टेशन के आसपास का पूरा इलाका स्वच्छ बताया गया है।
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