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मां जालपा का रथ
Last Updated on March 14, 2021 by Deepak
हिमाचल प्रदेश देव भूमि है और यहां के देवताओं और रियासतकालीन राजाओं में गहरा संबंध है। इसी बात का परिचायक मंडी का शिवरात्रि महोत्सव है जहां पर आने वाले सभी देवताओं की एक अपनी परंपरा और पौराणिकता हैं। मंडी शिवरात्रि में शिरकत करने वाली एक ऐसी भी देवी हैं जिनकी साज-सजावट अभी भी पुरानी परंपराओं के अनुसार की जाती है। मंडी जिला के सनोर क्षेत्र की देवी जालपा के रथ को लगने वाली अधिकतर वस्तुऐं पुरातन काल की हैं।देवी जालपा के रथ में लगने वाली चांदी की चादर, पुराने मोहरे, माला, छत्र आदि करीब 3 शताब्दी पुराने हैं। माता की मालाओं में रियासत काल के राजाओ के सिक्के लगे हैं जो भी 250 वर्षों से भी पुराने हैं। इसके साथ ही माता का पुरांदा व कपड़े का प्रारूप भी प्राचीन समय के अनुसार ही है।जालपा माता सनोर बालू के भंडारी पूर्णचंद बतातें हैं कि वे लगभग बीते 50 वर्षों से माता की सेवा कर रहे हैं। उन्होंनें बताया कि माता का श्रृगांर पुरातन परंपराओं के अनुसार आज भी किया जा रहा है। जिससे संस्कृति को आने वाले समय में भी कायम रखा जा सके