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Swine flu Alert : गफूर खान/धर्मशाला। जिला कांगड़ा में अब तक Swine flu के तीन मामले सामने आ चुके हैं, इनमें से एक मामले में पीड़ित एक व्यक्ति की मौत भी हो चुकी है। अब तक सामने आए Swine flu के मामलों में एक दरंग, एक देहरा व एक दौलतपुर से संबंधित है। देहरा में Swine flu से पीड़ित व्यक्ति की मौत हो चुकी है, जबकि दरंग और दौलतपुर के पीड़ित महिलाओं का उपचार टांडा अस्पताल में जारी है। जिन क्षेत्रों से यह पीड़ित संबंधित हैं उनके संपर्क में आए लोगों को टेमीफ्लू दवाई दी जा रही है। जिला स्वास्थ्य विभाग ने स्वाइन फ्लू से निपटने के लिए जिला व ब्लॉक स्तर पर रेपिड एक्शन फोर्स गठित किए हैं। सीएमओ जिला कांगड़ा डॉ. आरएस राणा ने बताया कि स्वाइन फ्लू का वायरस कभी भी सर्कुलेट होकर लोगों को अपनी चपेट में ले सकता है। उन्होंने बताया कि जिला में सामने आए स्वाइन फ्लू के मामले में देहरा के जिस पीड़ित व्यक्ति की मौत हुई है, वह भी बाहरी राज्य से वापस लौटा था। वहीं, दरंग की पीड़ित महिला भी हाल ही में हरिद्वार से वापस आई थी। वहीं तीसरी पीड़ित दौलतपुर की महिला के संबंध में जानकारियां जुटाई जा रही हैं कि कहीं वह भी किसी बाहरी राज्य से होकर तो नहीं आई थी।
जिला स्वास्थ्य विभाग ने Swine flu से बचाव को एडवाइजरी भी जारी की है, जिसके तहत लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि स्वाइन फ्लू होने पर क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग विशेष जागरुकता अभियान भी चला रहा है। इसके तहत इंटर डिपार्टमेंट सेंसटाइजेशन मीटिंग का आयोजन किया जा रहा है। इसमें विभिन्न स्कूलों व कॉलेजों के अलावा अन्य विभागों के प्रतिनिधि शामिल होंगे, जो कि लोगों को Swine flu से बचाव व इसके लक्षणों के बारे में लोगों को जागरूक करने का काम करेंगे। वहीं मरीजों को सही उपचार दिया जा सके, इसके लिए भी विभाग ने कमर कस ली है।
Swine flu पीड़ितों के उपचार के लिए जिला में तीन आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं, जो कि आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए व्यापक स्वास्थ्य सुविधाओं से लैस हैं। यह आइसोलेशन वार्ड डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल टांडा, जोनल अस्पताल धर्मशाला और पालमपुर अस्पताल में स्थापित किए गए हैं। इनमें वेंटीलेटर की व्यवस्था भी विशेष रूप से की गई है। सीएमओ जिला कांगड़ा डॉ. आरएस राणा ने बताया कि इस बीमारी से भयभीत होने की जरूरत नहीं है, इसका इलाज पूरी तरह संभव है। यह एक सामान्य जुकाम की तरह है। इस दौरान सिर दर्द रहना और सांस लेने में तकलीफ होने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। इस बीमारी की वजह से निमोनिया और किडनी में प्राब्लम भी हो सकती है। उन्होंने बताया कि इस बीमारी से बचने के लिए हैंडवॉश करना चाहिए और किसी को जुकाम हो तो वह सार्वजनिक स्थलों पर जाने के वजाय घर में ही रहना चाहिए।
सीएमओ जिला कांगड़ा डॉ. आरएस राणा ने बताया कि नाक का लगातार बहना, छींक आना, नाक का जाम हो जाना, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, जुकाम के साथ लगातार खांसी आना, बहुत अधिक थकान महसूस करना, गले में खराश होना व उसका लगातार बढ़ना और बुखार होने के बाद दवाई के सेवन के बावजूद बुखार कम न होना स्वाइन फ्लू के शुरुआती लक्षण हैं। डॉ. राणा ने बताया कि साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना, खांसी या छींक आने पर रूमाल या टिशू पेपर का इस्तेमाल करना और हाथों को बार-बार धोना इससे बचने के उपाय हैं। उन्होंने बताया कि 5 साल तक आयु वर्ग के बच्चे, 65 साल से अधिक आयु के बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं, फेफड़ों, किडनी व दिल की बीमारी के मरीज और कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग जल्द इस बीमारी की जकड़ में आ जाते हैं। उन्होंने लोगों को सलाह दी है कि लोग आवश्यक सावधानियां बरतें व स्वाइन फ्लू के प्रति जागरूक रहें। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले आईजीएमसी शिमला में भी स्वाइन फ्लू का एक मामला सामने आ चुका है।
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