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धर्मशाला। कोविड-19 के चलते टैक्सी व्यवसाय से जुड़े लोग इस दौर में काफी परेशानियां से गुजर रहे हैं। ऐसे में हिमाचल विधानसभा का प्रस्तावित शीतकालीन सत्र उनके लिए कुछ उम्मीद लेकर आया है। हिमाचल विधानसभा का शीतकालीन सत्र (Himachal Vidhan sabha Winter session) धर्मशाला (तपोवन) में प्रस्तावित है। ऐसे में विधानसभा के शीतकालीन सत्र के लिए सरकारी विभागों दवारा जो टैक्सी किराये पर लेनी हैं वो धर्मशाला की पंजीकृत टैक्सी यूनियनों (Taxi unions) के माध्यम से ली जाएं। यह मांग ऑल कमर्शियल व्हीकल ज्वाइंट एक्शन कमेटी हिमाचल प्रदेश के वाइस चेयरमैन प्रेम सूद एवं रमेश जरयाल ने सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) को प्रेषित ज्ञापन में उठाई है। उन्होंने कहा कि इससे कोरोना की वजह से बड़ी बेरोजगारी के इस दौर में टैक्सी ऑपरेटर्स को कुछ काम-धंधा मिल सकेगा। अभी तक हर विभाग अपने-अपने ढंग से पूर्व से चली आ रही व्यवस्था के तहत टैक्सी किराये पर ले रहे हैं। जिससे एक ऑपरेटर को तो काम मिल जा रहा है जबकि शेष ऑपरेटर्स के पास कोई काम नहीं है। ऐसे में पंजीकृत यूनियन से टैक्सी किराये पर लेने से टैक्सी ऑपरेटर्स को राहत मिलेगी।
इसके अतिरिक्त टैक्सी ऑपरेटर्स (Taxi Operators) की विभिन्न मांगें हैं, जिन्हें समय-समय पर परिवहन विभाग व सरकार के समक्ष उठाया गया है। लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हो रहा। इन समस्याओं को टैक्सी ऑपरेटर्स बार-बार सरकार और प्रशासन के समक्ष उठाते रहे हैं लेकिन टैक्सी ऑपरेटर्स की किसी भी मांग पर अभी तक सरकार ने कोई भी संज्ञान नहीं लिया है। अतः अनुरोध है कि टैक्सी ऑपरेटर्स की इन समस्याओं का जल्दी से जल्दी समाधान किया जाए। वर्तमान में प्रदेश के टैक्सी ऑपरेटर्स की माली हालत बहुत अधिक खराब हो चुकी है।
1. हिमाचल प्रदेश में टैक्सी गाड़ियों का टोकन टैक्स 5 साल के लिए माफ किया जाए।
2. टैक्सी गाड़ियों की किस्ते और इंश्योरेंस 2 साल के लिए बिना किसी ब्याज के आगे बढ़ाई जाए।
3. टैक्सी परमिट की अवधि बढ़ाई जाए।
4. प्रतिवर्ष पासिंग पर लगने वाला ग्रीन टैक्स बंद किया जाए।
5. टैक्सी गाड़ियों के टैक्स को सिंगल विंडो किया जाए।
6.पूरे प्रदेश में जो निजी गाड़ियां टैक्सी के रूप में काम कर रही हैं, उन निजी गाड़ियों पर सख्ती से लगाम लगाई जाए।
7. हिमाचल प्रदेश में सरकारी विभागों में जो गाड़ियां सेवाएं दे रही हैं, वह केवल टैक्सी गाड़ियां लगाई जाए और एक टैक्सी मालिक को केवल एक गाड़ी का टेंडर दिया जाए।
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