-
Advertisement
न्यूटन के तीसरे नियम को चुनौती देने वाले टीचर का सपना अधूरा, 10 लाख की दरकार
Last Updated on February 28, 2021 by Sintu Kumar
शिमला। न्यूटन के तीसरे नियम (Newton Third Law) को चुनौती देने वाले साइंस टीचर अजय शर्मा (Science Teacher Ajay Sharma) का सपना पूरा नहीं हुआ है। वहीं, उनकी सेवानिवृत्ति का समय भी पास है। पैसे के अभाव व सरकार के सहयोग के बिना अभी तक उनकी चुनौती को मान्यता नहीं मिली है। अजय शर्मा पिछले 36 साल से न्यूटन के तीसरे नियम की खामी को चुनौती दे रहे हैं। देश-विदेश में वैज्ञानिकों (Scientists) ने इनकी चुनौती को सही तो माना लेकिन मान्यता नहीं मिली। अजय शर्मा 31 मार्च को सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
यह भी पढ़ें: OTT-Social Media के लिए सरकार बनाए नियम, जानें अब कैसे कंट्रोल होगा कंटेंट
अजय शर्मा ने शिमला में मीडिया से बातचीत में कहा कि अब 10 लाख की दरकार है, सरकार यदि चाहे तो सीएसआईआर (CSIR) में ले जाकर इस शोध को सार्थक बना सकती है, जो नोबेल प्राइज (Nobel Prize) तक का हकदार है। उनके पास ना तो इतने साधन बचे हैं ना ही पैसा कि अब इस चुनौती को आगे ले जा सकें। उनके मताबिक न्यूटन का सिद्धांत वस्तु के आकार की अनदेखी करता है। 335 वर्ष पुराने तीसरे नियम के अनुसार क्रिया और प्रतिक्रिया हमेशा विपरीत और बराबर होते हैं। पर अजय के अनुसार कुछ हालातों में क्रिया व प्रतिक्रिया के बराबर, कम और ज़्यादा भी हो सकती है।