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Teachers : धर्मशाला। प्रदेश सरकार को सदबुद्धि मिले इसके लिए हिमाचल प्रदेश गवर्नमेंट टीचर्स यूनियन (एचजीटीयू) शिमला में सदबुद्धि यज्ञ का आयोजन करवाएगी। यह यज्ञ इसलिए करवाया जाएगा, ताकि सरकार शिक्षकों के हित में सही फैसले ले सके। दरअसल 27 मई को विधानसभा का सत्र शुरू होगा और उसी दिन यूनियन सदस्य अपनी मांगों को लेकर विधानसभा का घेराव भी करेंगे। एचजीटीयू के जिलाध्यक्ष नरेश कुमार ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि सरकारी स्कूलों में शिक्षकों को पेश आ रही समस्याओं के बारे में सरकार बिल्कुल भी गम्भीर नहीं है। दिसंबर 2016 में सीएम वीरभद्र सिंह ने स्वयं यह घोषणा की थी कि यूनियन द्वारा उठाए गए मामलों का जल्द समाधान किया जाएगा। कई बार गुहार लगाने के बाद भी सरकार पर कोई असर नहीं हुआ। शिक्षक यूनियन ने 15 मई तक सरकार को वार्ता का समय दिया था, लेकिन सरकार या शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों ने यूनियन के साथ बैठक तक करन गवारा नहीं समझा।
HGTU द्वारा करवाए जा रहे इस इस यज्ञ में 25 पंडित बैठेंगे। जिला कांगड़ा से एक हजार अध्यापक इस घेराव में शामिल होंगे।अब सरकार को सच में ही सदबुद्धि की जरूरत है क्योंकि सरकार को यह एहसास करवाना जरूरी है कि शिक्षक वर्ग की अनदेखी चुनावों में कितनी भारी पड़ सकती है। जिलाध्यक्ष ने कहा कि इस घेराव को सफल बनाने के लिए जिला के अध्यापकों की एक बैठक भी आयोजित की गई। बैठक में अध्यापकों की कुछ समस्याओं और मांगों बारे एक ज्ञापन भी उपनिदेशक प्राथमिक शिक्षा, उपनिदेशक उच्च शिक्षा और उपनिदेशक निरीक्षण को प्रेषित किया गया है।
खराब रिजल्ट के लिए सरकारी तंत्र जिम्मेदार
सरकारी स्कूलों में खराब रिजल्ट पर नरेश कुमार का कहना है कि शिक्षा विभाग के अधिकारी और सरकारी तंत्र इसके लिए जिम्मेदार हैं। गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए यूनियन ने दिसम्बर माह में विभाग के उच्चाधिकारियों को कुछ सुझाव दिए थे। विभागीय अधिकारी शिक्षकों के खिलाफ बयानबाजी तो करते रहते हैं लेकिन जो सुझाव उन्हें दिए गए थे उनमें से किसी एक पर भी अमल नहीं हुआ है। सरकार और विभाग ने सरकारी स्कूलों में कार्यरत अध्यापकों को गैर शिक्षण सम्बन्धी कार्यों में उलझाकर रखा हुआ है। सरकार हमसे बेहतर परिणामों की उम्मीद तो करती है पर क्या यह नहीं जानती की हमे पढ़ाने के लिए कितना समय मिलता है। सिर्फ पढ़ाई करवाने का आदेश छोड़कर शिक्षकों को अन्य सभी कार्यों के आदेश प्रदेश की सरकार और शिक्षा विभाग जारी करते है।
शिक्षा के क्षेत्र में नंबर-1 हिमाचल की हकीकत कुछ ओर
एचजीटीयू जिलाध्यक्ष ने कहा कि हिमाचल शिक्षा के क्षेत्र में नंबर-1 बना है लेकिन जमीनी हकीकत क्या है यह हम सभी जानते हैं। शिक्षकों को सिर्फ पढ़ाई ही करवानी हो तो यह प्रदेश सही मायने में नंबर-1 बन सकता है। प्रदेश सरकार इस दिशा में कोई भी कदम उठाने में समर्थ नहीं लग रही है इसलिए यूनियन अब यह मुद्दा केंद्र सरकार से उठाने जा रही है। नरेश कुमार ने बताया कि जून माह में जिला कुल्लू में आल इंडिया सेकेंडरी टीचर्स एसोसिएशन के माध्यम से गुणात्मक शिक्षा पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यशाला में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को भी आमंत्रित किया गया है। इस दौरान प्रदेश सरकार के नकारात्मक रुख की चर्चा की जाएगी और छात्रों के भविष्य को देखते हुए केंद्र से इस मामले में दखल देने की मांग भी की जाएगी।
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