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सुंदरनगर के तहसील कल्याणकारी अधिकारी ने पीएम को भेजा एक प्रपोजल-जानिए क्या
सुंदरनगर। कोरोना महामारी के चलते जारी लॉकडाउन के कारण देश की अर्थव्यवस्था पर गहरा आघात पहुंच रहा है, जिसको लेकर हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के सुंदरनगर में तहसील कल्याणकारी अधिकारी के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे विक्रांत जग्गा ने पीएम मोदी को देश में गिर रही अर्थव्यवस्था को सुचारू करने के लिए एक प्रपोजल भेजा है, जिसके माध्यम से कर्मचारी एडवांस लोन लेकर देश की उन्नति में अपना साथ दे सकते हैं। विक्रांत जग्गा ने कहा कि कोरोना के खतरे के चलते देश में लॉकडाउन का पालन किया जा रहा है। इसके चलते रोज कमाने वाले लोगों को जीवन यापन करने में समस्या हो गई है। इसी संदर्भ में तहसील कल्याण अधिकारी विक्रांत जग्गा ने सभी वेतन लेने वाले कर्मचारियों से आगे आकर अपील की है। जग्गा का कहना है कि सरकार बैंकों के साथ मिलकर इस त्रासदी के समय अपने तौर वेतन लेने वाले कर्मचारियों को बैंक द्वारा उनकी सैलरी के आधार पर 10 से लेकर 50 हजार रुपयों का ब्याज मुक्त एडवांस फंड प्रदान करें, जिसे बैंक एक से लेकर 20 किश्तों में उस कर्मचारी के वेतन से काट सकें। उन्होंने कहा कि अगर एक लाख वालंटियर 50 हजार का लोन लेते हैं और उस पैसे से औसतन 2 हजार का राशन 25 परिवारों को मुहैया करवाया जा सकता हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार के लिए यह एक अच्छी मदद साबित होगी और सीधा-सीधा 500 करोड़ रुपए का एक फंड एकत्रित हो जाएगा। इसके अतिरिक्त अगर यह आंकड़ा एक लाख से 10 लाख वालंटियर का हो जाए तो सीधा-सीधा 5 हजार करोड़ रुपए सरकार की मदद के लिए तैयार हो जाएगा। उनका कहना है कि राशन का वितरण जरूरतमंद और भुगतान सीधा दुकानदार को किया जाएगा। विक्रांत जग्गा ने कहा कि यह पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन का एक ऑर्गेनाइज तरीका भी होगा तथा जो पैसा सरकार इन एसेंशियल कमोडिटीज में इस वक्त लगा रही है, अगर उसके अंतर्गत इंप्लाइज सरकार का साथ दें तो सरकार वह पैसा अन्य मेडिकल सुविधाओं अथवा दवाइयों के ऊपर लगा सकती है। वहीं इस समय जो छोटे उद्योग या घरेलू उद्योग बंद पड़े हैं, उनको लॉकडाउन खत्म होते ही सब्सिडी या बूस्टर पैकेज दे सकती है। उन्होंने कहा कि इससे सरकार के ऊपर आने वाले समय में आर्थिक बोझ भी नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा बैंक इस एडवांस फंड की किश्त उनकी सैलरी से काटेगा और पैसा एक चक्र में ही घूमेगा। इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि यह पैसा ना तो बैड डेबिट होगा और ना ही नॉन परफॉर्मिग एस्टस साबित हो सकता है। इसमें जो एडवांस लेने वाले व्यक्ति होंगे, वे सारे ही सरकारी कर्मचारी होंगे।
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इस मास्टर प्लान को लेकर विक्रांत जग्गा ने पीएमओ कार्यालय ईमेल द्वारा अवगत करवाया है। उन्होंने पीएम के माध्यम से सभी बैंक और सरकारों से इसमें उचित कदम उठाने के लिए अपील की है। इसके द्वारा सभी कर्मचारी बढ़-चढ़कर इस विकट घड़ी में सरकार का साथ दे सकते हैं। उन्होंने सभी कर्मचारियों से कहा कि जब सरकार हमें सैलरी देती है तो हमारा भी अपने देश के लिए कुछ कर्तव्य बनता है और हमें सरकार का पूरा सहयोग देना चाहिए।