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शिमला में श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व पर राज्य स्तरीय समारोह श्री सिंह साहिब शिमला द्वारा श्री गुरुद्वारा साहिब बस स्टैंड शिमला में आयोजित किया गया। इसमें सीएम जयराम ठाकुर भी मौजूद रहे। इस अवसर पर जयराम ठाकुर ने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी के अनुसार ईश्वर सर्वव्यापी, निराकार, शाश्वत और अलौकिक है। श्री गुरु नानक देव जी ने यह संदेश दिया है कि ईश्वर केवल एक ही है, उनकी नजरों में सभी समान हैं और हमें उन्हें भूलना नहीं चाहिए। सीएम को श्री गुरुद्वारा सिंह सभा प्रबंधक समिति शिमला के अध्यक्ष जसविन्द्र सिंह ने सिरोपा भेंट किया।
वहीं, काफी समय से अस्वस्थ चल रहे पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह अब पूरी तरह से स्वस्थ हो गए हैं। मंगलवार स्वस्थ होते ही हर वर्ष की भांति इस बार भी गुरु नानक की जयंती पर शिमला कार्ट रोड़ स्थित गुरुद्वारा पहुंचे और अपना शीश नवाया।
मंडी। छोटी काशी में स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारा में गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी ने तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया था। आज तीसरे दिन पंजाब से आए रागी जत्थों ने गुरुवाणी के माध्यम से प्रभु महिमा का बखान किया। इस समारोह में न सिर्फ स्थानीय बल्कि बाहरी राज्यों से आई संगतों ने भी बड़ी संख्या में भाग लिया। लोग गुरुद्वारा परिसर में गुरु ग्रंथ साहिब के आगे नतमस्तक होकर आशीर्वाद लेते हुए नजर आए।
कुल्लू। जिला में गुरुद्वारा सिंह साहिब अखाड़ा बाजार में सुबह से ही कीर्तन का आयोजन चल रहा है, जिसमें दिल्ली से आए रागी जत्थे कीर्तन कर संगत को गुरुवाणी सुनाकर निहाल किया। वहीं, वन परिवहन युवा सेवा एवं खेल मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने भी अपनी पत्नी रजनी ठाकुर के साथ गुरुद्वारा सिंह साहिब अखाड़ा बाजार में माथा टेका। इस उपलक्ष्य पर कुल्लू जिला के कोने-कोने से लोग बड़ी संख्या में गुरुद्वारा सिंह साहिब अखाड़ा बाजार में माता टेक कर आशीर्वाद लिया।
सोलन। कसौली विधानसभा क्षेत्र के गड़खल स्थित श्री गुरू सिंह सभा गुरूद्वारा में प्रथम गुरू गुरू नानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव बड़ी धुमधाम से मनाया गया। इस दौरान सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा सहकारिता मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने श्री गुरू सिंह सभा गुरूद्वारा में शीश नवाया। डॉ. सैजल ने कहा कि श्री गुरू नानक देव जी ने समाज में व्याप्त ऊंच-नीच की बुराई को समाप्त करने और भाईचारक सांझ के प्रतीक के रूप में सबसे पहले लंगर की शुरुआत की। लंगर के माध्यम से उन्होंने सभी को प्राणीमात्र की एकरूपता का सन्देश दिया।
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