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घर तो तोड़ दिया पर मुआवजा नहीं दिया
Last Updated on August 16, 2020 by Deepak
हिमाचल की भाग्य रेखाएं कही जाने वाली सड़के लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाती है। पर ये भाग्य रेखाएं कई बार कई बार लोगों के मुसीबत बन जाती है। इन दिनों मंडी जिला में पंडोह से टकोली तक फोरलेन का निर्माण कार्य काफी तेज गति के साथ चला हुआ है। लेकिन इस निर्माण के कारण कुछ लोगों को परेशानी भी झेलनी पड़ रही है। इन्हीं में से एक है पंडोह के साथ लगते डयोड गांव में मोहन लाल का परिवार। मोहन लाल ने मेहनत मजदूरी करके अपने लिए एक छोटा सा आशियाना बनाया था, लेकिन फोरलेन निर्माण ने इस परिवार के आशियाने को खंडहर में बदल दिया। हालांकि मोहन लाल का घर फोरलेन निर्माण कार्य से काफी दूर था लेकिन फोरलेन निर्माण के लिए जो कटिंग की गई उससे मोहन लाल का घर भी जद में आ गया।
एक साल पहले प्रशासन ने इस घर को डेंजर जोन घोषित करते हुए इस खाली करवा दिया। मोहन लाल का परिवार तब से किराए के मकान में रह रहा है। फोरलेन निर्माण में लगी एफकॉन्स कंपनी की तरफ से इस परिवार को हर महीने सात हजार रूपए किराए के रूप में दिए जा रहे हैं। लेकिन क्षतिग्रस्त हो चुके घर को मुआवजा अभी तक इस परिवार को नहीं मिल पाया है। आज हालात यह हो चुके हैं कि यहां आए दिन लैंडस्लाइड हो रहा है और घर के आगे बना स्टोर ढह गया है जबकि घर में बड़ी-बड़ी दरारें आ चुकी हैं और यह भी ढहने वाला है।
यह वो लोग हैं जिनकी जमीन फोरलेन निर्माण के लिए अधिग्रहित नहीं की गई है लेकिन फोरलेन निर्माण के कारण इनके घरों और जमीनों को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचा है। अब सरकार के आदेशों का इंतजार है जिसके बाद ही यह तय होगा कि इन परिवारों को किस आधार पर मुआवजा दिया जाना है।