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चंद्र ग्रहण 2021 : युवाओं के लिए बन रहा श्मशान योग, वीडियो रिपोर्ट में जानिए सारा अंक गणित
Last Updated on May 26, 2021 by saroj patrwal
साल का पहला चंद्र ग्रहण 26 मई बुधवार को लगने वाला है। इस दिन वैशाख की पूर्णिमा तिथि भी पड़ रही है। इस बार का चंद्र ग्रहण उपछाया चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) होगा इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। यह दोपहर 2 बजकर 17 मिनट पर शुरू होगा और शाम 7 बजकर 19 मिनट पर खत्म होगा। 26 मई को खग्रास चंद्र ग्रहण लग रहा है। यह चंद्र ग्रहण क्या असर दिखाएगा? कैसी रहेगी राजनीतिक हलचल? किस पर भारी पड़ेगा यह चंद्र ग्रहण? किसके लिए शुभ अथवा अशुभ फल देगा इसके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं इस वीडियो रिपोर्ट में …
अंक ज्योतिष में पारंगत पंडित शशिपाल डोगरा के अनुसार अंक ज्योतिष के हिसाब ये ग्रहण 2+6 = 8 अंक शनि के प्रभाव में रहेगा। शनि और चंद्र आपस में शत्रु है जिसके कारण ये चंद्र ग्रहण मन को विचलित करने का कारक बनेगा। वर्ष 2021 जिसका अंक 2+0+2+1 = 5 बुध का अंक बनता है। बुध युवाओं कारक है। जो युवाओं के लिए शुभ नहीं है। 8+5=13 = 1 +3 = 4 अंक राहु का है। राहु षड्यंत्र का कारक है। तो कोई राजनितिक षड्यंत्र करवाएगा। राहु शमशान का कारक है तो युवाओं के लिए शमशान योग बना रहा है। ये युवाओं की मृत्यु दर बढ़ा देगा। पंडित डोगरा बताते हैं कि इस बार 26 मई, 2021 को लग रहे चंद्र ग्रहण से भारत वर्ष के किसी राष्ट्रीय नेता व बड़े नेता का शमशान योग (Shamshan Yog) बना रहा है। किसी बड़े नेता को खोने का भय बना रहेगा। पूर्वी भारत जहां इसका असर ज्यादा है वहां पर राजनितिक उथल-पुथल करवा सकता है। रही बात वैश्विक महामारी कोरोना की तो यह महामारी अभी रुकने का नाम नहीं लेगी।
मई महीने में जिसका अंक भी 5 ही बनता है, वो ज्यादा ख़राब कर रहा है। 8+5=13=1+3 = 4 अंक राहु के अंक के कारण और ज्यादा ख़राब करेगा। लोगों के मन को भी विचलित करेगा और लोगों में भय देगा। लोगों में भय का माहौल व्याप्त रहेगा। कोरोना अभी नवंबर तक परेशानी देगा। लोगों को खुद ही सचेत रहना पड़ेगा। रही बात सरकार की तो सरकार सोच सोचकर निर्णय लेगी जिसके कारण आम आदमी परेशान रहेगा। इन सब बातों से बचने के लिए सभी लोग अपने-अपने घरों में शिव शक्ति की पूजा करें। ज्योतिष के अनुसार व्यक्ति के जीवन में ग्रहों की चाल का बहुत महत्व होता है। जीवन में अच्छी या बुरी गतिविधियों को ग्रहों की चाल का प्रभाव झेलना पड़ता है। इसी प्रकार ग्रहण का सभी राशियों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है। ज्योतिष के अनुसार इसका प्रभाव केवल पूर्वी भारत में ही होगा। उत्तर भारत में इसका कोई असर नहीं रहेगा।
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