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नई दिल्ली। मोदी सरकार (Modi Govt) ने सोमवार को एक एतिहासिक ऐलान करते हुए जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) को स्पेशल स्टेटस देने वाले संविधान के आर्टिकल 370 और 35A को खत्म कर दिया। वहीं सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख (Ladakh) को अलग कर केंद्र शासित प्रदेश बनाने का फैसला लिया गया। जिसके बाद से सरकार के इस फैसले पर दुनिया भर से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। वहीं पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान (Pakistan) में मोदी सरकार के इस फैसले के बाद से हलचल सी मच गई है। पाकिस्तान ने आर्टिकल 370 पर मोदी सरकार के कदम का विरोध करते हुए इसे एकतरफा फैसला करार दिया है।
अमित शाह के राज्यसभा में इस ऐतिहासिक ऐलान के बाद पाकिस्तान ने बदले हालात पर चर्चा के लिए बुधवार को संसद का संयुक्त सत्र बुलाया है। पहले यह संयुक्त सत्र मंगलवार को बुलाया जाना था। पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉक्टर आरिफ अल्वी ने देश की संसद में संयुक्त सत्र का आह्वान किया। यह संयुक्त सत्र 7 अगस्त को बुलाया जाएगा। पाक सुरक्षा बलों के प्रमुख भी इस बैठक में शामिल होंगे। इस संयुक्त सत्र में पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा, चीफ ऑफ द एयर मार्शल मुजाहिद अनवर खान समेत कई अन्य शीर्ष सैन्य अफसर भी हिस्सा लेंगे।
वहीं कश्मीर के मौजूदा हालात पर चर्चा के लिए पाकिस्तान असेंबली ने मंगलवार को ज्वॉइंट सेशन भी बुलाया है। इस मसले पर पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय (Pakistan Foreign Ministry) ने बयान जारी करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र सिक्योरिटी काउंसिल (UNSC) में जम्मू-कश्मीर की स्थिति को विवादास्पद माना गया है। लिहाजा भारत सरकार का ये एकतरफा फैसला है और ये फैसला जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान के लोगों को स्वीकार नहीं है। इस बयान में आगे कहा गया कि कश्मीर विवाद के दूसरे पक्ष के रूप में पाकिस्तान आर्टिकल 370 को खत्म करने वाले भारत के इस फैसले को काउंटर करने के लिए हर संभव कानूनी कदम उठाएगा। पाकिस्तान कश्मीर को लेकर अपने संकल्प पर आज भी कायम है। कश्मीर के राजनीतिक, लोकतांत्रिक और नैतिक विकास के लिए हम लड़ते रहेंगे।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के चेयरमैन और नेता विपक्ष शहबाज शरीफ ने मोदी सरकार के इस फैसले को संयुक्त राष्ट्र संघ के खिलाफ करार देते हुए कहा कि कश्मीर से आर्टिकल 370 खत्म करना असंवैधानिक है। ये संयुक्त राष्ट्र के प्रति ‘एक तरह से राजद्रोह’ है, जिसे किसी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने आगे कहा कि भारत में मोदी सरकार ने आर्टिकल 370 को हटाने को जो फैसला लिया है, वो सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन भी है।
वहीं पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के बेटे बिलावल भुट्टो (bilaval Bhutto) ने भी कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाने को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कश्मीर में आर्टिकल 370 खत्म करके चरमपंथी भारत सरकार ने अपने इरादे साफ कर दिए हैं। इसके अलावा पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के चेयरमैन ने ट्वीट कर लिखा कि चरमपंथी भारत सरकार के इरादे स्पष्ट हैं। राष्ट्रपति को तुरंत IOK में आक्रामकता के मद्देनजर संसद में संयुक्त सत्र बुलाना चाहिए।
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