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नई दिल्ली। केंद्र सरकार (Central Govt) ने मंगलवार को कहा कि उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh Govt) की योगी सरकार द्वारा 17 पिछड़ी जातियों (OBC) को अनुसूचित वर्ग (SC) में शामिल करने के फैसले को गैरकानूनी करा दिया है। मंगलवार को राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत (Thavar Chand Gehlot) ने कहा कि वह यूपी सरकार से इस निर्णय को वापस लेने की मांग करते हुए कि यह पूरी तरह से असंवैधानिक है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की बीजेपी (BJP) सरकार को निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए बिना, अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल 17 समुदायों को अनुसूचित जाति की सूची में शामिल नहीं करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि यह कानूनी रूप से उचित नहीं है।
दरअसल बसपा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने मंगलवार को राज्यसभा के शून्यकाल में यूपी की 17 जातियों को संवैधानिक प्रक्रिया के तहत अनुसूचित जाति की लिस्ट में डालने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि यूपी सरकार ने तीन दिन पहले इन 17 जातियों को ओबीसी की लिस्ट से बाहर कर दिया और अनुसूचित जाति का सर्टिफिकेट देने के लिए कहा गया है जो कि पूरी तरह से गैर संवैधानिक है। इसके बाद सतीश चंद्र मिश्रा के सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री थवरचंद गहलोत ने कहा कि किसी जाति को किसी अन्य जाति के वर्ग में डालने का काम संसद का है। अगर यूपी सरकार ने इन जातियों को ओबीसी से एससी में लाना चाहती है तो उसके लिए प्रक्रिया है और राज्य सरकार ऐसा कोई प्रस्ताव भेजेगी तो हम उस पर विचार करेंगे। लेकिन अभी जो आदेश जारी किया है वह संवैधानिक नहीं है, क्योंकि अगर कोई कोर्ट में जाएगा तो वह आदेश निरस्त होगा।
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