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ग्राहक को ठगने वालों की अब खैर नहीं, नया Consumer Protection Act लागू, जानिए क्या हैं आपके अधिकार
Last Updated on July 20, 2020 by
नई दिल्ली। नया उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 20 जुलाई यानी आज से देश में लागू हो गया है। उपभोक्ता कानून (New Consumer Protection Act) में किए बदलावों से घटिया सामान बेचने वालों, गुमराह करने वाले विज्ञापन देने वालों की अब खैर नहीं। ऐसे लोगों को अब जेल की हवा खानी पड़ सकती है। घटिया सामान बेचने वालों को छह महीने की जेल हो सकती है या एक लाख रुपये जुर्माना देना पड़ेगा।
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बड़े नुकसान पर ग्राहक को पांच लाख रुपये मुआवजा देना होगा और सात साल की जेल होगी। उपभोक्ता की मौत हो जाए तो मुआवजा दस लाख व सात साल या आजीवन कारावास भी संभव है। नए कानून के दायरे में ई-कॉमर्स कंपनियां (E-commerce companies) भी आएंगी। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम (कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट-2019) के तहत अब ग्राहक किसी भी उपभोक्ता अदालत में शिकायत कर सकेगा, अभी तक शिकायत वहीं की जा सकती थी, जहां से सामान खरीदा गया हो। नया कानून 1986 के उपभोक्ता कानून का स्थान लेगा।
उपभोक्ता संरक्षण कानून 2019, 20 जुलाई 2020 से लागू हो जाएगा। यह,1986 के कानून का स्थान लेगा। नया उपभोक्ता संरक्षण कानून अपने कई नये अधिसूचित नियमों व प्रावधानों के माध्यम से उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति अधिक सुरक्षा प्रदान करेगा। 1/3 @narendramodi @jagograhakjago
— Ram Vilas Paswan (@irvpaswan) July 18, 2020
ये नया कानून 34 साल पुराने 1986 के कानून की जगह लेगा। खुद केंद्रीय उपभोक्ता मामलों, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान इस बारे में ट्वीट कर के सूचना दे चुके हैं। इस नए उपभोक्ता कानून को 9 अगस्त 2019 को ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ओर से हरी झंडी मिल गई थी। नए प्रावधानों के तहत अगर कोई मैन्युफैक्टर या सेलर एडल्टरेटेड प्रोडक्ट में डील करता है तो ग्राहक उसे कोर्ट में घसीट सकता है। वह उपभोक्ता फोरम (Consumer forum) में शिकायत कर के मुआवजे की मांग भी कर सकता है। कोर्ट की तरफ से ऐसे मैन्युफैक्चरर या सेलर पर 1 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है और 6 महीने तक की जेल भी हो सकती है।
ये आपके अधिकार
सुरक्षा का अधिकार- इसके तहत ग्राहक को किसी गुड्स या सर्विस की मार्केटिंग से जीवन या प्रॉपर्टी के नुकसान से बचाया जाता है।
सूचना का अधिकार- ग्राहक को पूरा अधिकार है कि उसे प्रोडक्ट की क्वालिटी, उसकी मात्रा, शुद्धता, कीमत आदि के बारे में सही जानकारी दी जाए।
छांटने का अधिकार- इसके तहत ग्राहक को गुड्स और सर्विसेस की कई वैरायटी उपलब्ध कराई जाती हैं, ताकि वह अपने अनुकूल गुड्स या सर्विस को छांट सके।
सुने जाने का अधिकार- ग्राहक को सुने जाने का पूरा अधिकार है। उसे किसी तरह की दिक्कत होने पर फोरम में उसकी शिकायत को सुना जाएगा।
शिकायत करने अधिकार – किसी भी गलत प्रैक्टिस के खिलाफ शिकायत करने का भी ग्राहक को अधिकार है, ताकि उसका शोषण ना हो।
कंज्यूमर एजुकेशन का अधिकार – यानी एक ग्राहक अपनी पूरी जिंदगी एक पूरी जानकारी रखने वाला ग्राहक रहेगा, जिससे वह शोषण से बचा रहेगा।