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नई दिल्ली। गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स (Guinness World Records) द्वारा घोषित दुनिया के सबसे उम्रदराज़ जीवित पुरुष चितेत्सु वातानाबे (112) का रविवार को निधन हो गया। वातानाबे ने खुश रहने को लंबी उम्र का राज़ बताया था। चितेत्सु आठ बच्चों के पिता थे । वे गन्ने के खेत में काम करते थे। परिवार के सदस्य बताते हैं कि वे कभी नाराज नहीं होते थे और न ही तेज आवाज में बात करते थे। हमेशा मुस्कुराते रहते हैं।
वे बताते हैं कि एग्रीकल्चर से ग्रेजुएशन के बाद वह ताइवान चले गए और गन्ना बागान में काम किया। बच्चों और पत्नी के साथ यहां 18 साल रहे। इसके बाद द्वितीय विश्व युद्ध में सेना में काम किया। इसके बाद वे नीगाता लौट आए और सरकारी ऑफिस में रिटायरमेंट तक काम किया। इस दौरान वे अपने फॉर्म में सब्जियां और फल उगाते थे। इससे पहले जापान के ही सबसे बुजुर्ग पुरुष मासाजो नोनाको थे। उनका निधन 12 जून 2013 को हुआ था। तब उनकी उम्र 113 साल 54 दिन थी। वे जापान की केन तनाका से चार साल छोटे थे। फिलहाल, तनाका दुनिया की सबसे उम्रदराज जीवित महिला हैं। इनकी उम्र 117 साल है।
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