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नहीं माना Nepal: राष्ट्रपति ने तीन भारतीय क्षेत्रों को दर्शाने वाले नक्शे को दी मंजूरी, India का विरोध दरकिनार
Last Updated on June 18, 2020 by Deepak
नई दिल्ली। नेपाल (Nepal) ने भारत (India) के विरोध को दरकिनार करते हुए विवादित नक्शे को कानूनी अमलीजामा पहना ही दिया। गुरुवार सुबह नेपाली संसद के उच्च सदन से संविधान संशोधन विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद नेपाल की राष्ट्रपति बिध्या देवी भंडारी ने कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा को शामिल कर नेपाल के नक्शे (Map) को बदलने के लिए संविधान संशोधन विधेयक पर गुरुवार (18 जूऩ) को हस्ताक्षर कर दिया। पिछले हफ्ते ही इस विधेयक को निचले सदन से मंजूरी मिल गई थी। तब भी सभी 258 सांसदों ने इसे अपना समर्थन दिया था। जिसके बाद अब ऊपरी सदन में मौजूद सभी 57 सदस्यों ने विधेयक के समर्थन में मतदान किया। बताया जा रहा है कि नेपाल का यह कदम भारत के साथ उसके द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित कर सकता है।
नेपाल के राष्ट्रीय प्रतीक में नए नक्शे को शामिल करने का रास्ता साफ हुआ
वहीं इस विधेयक को नेपाली राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद हिमालयी राज्य के नक्शे में आज से परिवर्तन कानूनी रूप से लागू हो गया है। गौरतलब है कि इस पूरे मामले की शुरुआत से ही भारत नेपाल के इस एकतरफा कार्रवाई को बिना किसी ऐतिहासिक सााक्ष्य के एकतरफा कार्रवाई बताता आया है। नेपाल की ‘कोट ऑफ आर्म्स’ अब नए नक्शे में लिंपियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी क्षेत्रों को शामिल करेगी। इसके बाद सभी आधिकारिक दस्तावेजों में नए नक्शे का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके बाद नेपाल के राष्ट्रीय प्रतीक में नए नक्शे को शामिल करने का रास्ता साफ हो गया है।
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भारत ने नवंबर 2019 में एक नया नक्शा जारी किया था, जिसके करीब छह महीने बाद नेपाल ने पिछले महीने देश का संशोधित राजनीतिक और प्रशासनिक नक्शा जारी कर रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इन इलाकों पर अपना दावा बताया था। नेपाली संसद के ऊपरी सदन यानी नेशनल असेम्बली ने संविधान संशोधन विधेयक को सर्वसम्मति से पारित कर दिया। वहीं अब नेपाली राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद यह विधेयक कानून के रूप में तब्दील हो गया है।