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नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के लिए सर्वाधिक टेस्ट विकेट लेने वाले दिग्गज ऑफ स्पपिनर हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) का देश के सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न (Rajiv Gandhi Khel Ratna) पर दावा एक बार फिर विवादों में है। दरअसल, राज्य सरकार ने हरभजन को खेल रत्न दिलाने के लिए सही समय पर खेल मंत्रालय के समक्ष आवेदन किया, लेकिन बाद में इसे बिना किसी कारण के वापस भी ले लिया। अब इस मामले पर हरभजन का बयान सामने आया है। हरभजन सिंह ने शनिवार को स्पष्ट किया कि पंजाब सरकार (Government of Punjab) ने इस साल के राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार के लिए उनका नामांकन वापस लेने का फैसला इसलिए किया क्योंकि वह इसकी पात्रता के मानदंड पर फिट नहीं बैठते।
Lot of confusion & speculation regarding my nomination for Khel Ratna so let me clarify. Yes last year the nomination was sent late but this year I only asked Punjab Govt to withdraw my nomination because I don’t fall under the 3-year eligibility criteria. Don’t speculate further
— Harbhajan Turbanator (@harbhajan_singh) July 18, 2020
इस बारे में ट्वीट करते हुए हरभजन सिंह ने लिखा कि मुझे इतने सारे फोन आ रहे हैं कि पंजाब सरकार ने मेरा नाम खेल रत्न नामांकन से वापस क्यों ले लिया। सच यह है कि मैं खेल रत्न के लिये योग्य नहीं हूं जिसमें मुख्यत: पिछले तीन साल के अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन को देखा जाता है। 40 वर्षीय क्रिकेटर ने कहा कि पंजाब सरकार की इसमें कोई गलती नहीं है क्योंकि उन्होंने सही कारण से मेरा नाम हटाया है। मीडिया में मेरे दोस्तों से अनुरोध करूंगा कि अटकलें नहीं लगायें। गौरतलब है कि बीते वर्ष हरभजन का खेल रत्न के लिए पंजाब सरकार ने आवेदन अंतिम तिथि निकल जाने के बाद बाद भेजा, जिस पर राज्य सरकार ने जांच भी बिठाई थी। बाद में हरभजन ने कहा भी कि अगर इसे सही समय पर भेजा जाता तो इस बार उन्हें देश का सर्वोच्च खेल सम्मान मिल सकता था। बता दें कि हरभजन को अर्जुन पुरस्कार और पद्म श्री से नवाजा जा चुका है। उन्होंने टेस्ट और वनडे में अंतिम बार 2015 में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। उन्होंने टेस्ट में 417 और वनडे में 269 विकेट हासिल किये हैं।
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