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सोलन जिले के दूर दराज क्षेत्रों में बच्चों के पास एंड्राइड मोबाइल फोन तथा इंटरनेट का सिग्नल ना होना पढ़ाई के लिए सबसे बड़ी बाधा है, जिससे बच्चे अपनी पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला जिला सोलन के अर्की उपमंडल में सामने आया है। जहां अध्यापकों ने इस समस्या से निपटने के लिए ऐसे क्षेत्रों के बच्चों को पढ़ाई करवाने का तरीका ढूंढ निकाला है। उन्होंने स्वयं घर-द्वार जाकर बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा उठाया है। अर्की उपमंडल के तहत राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बखालग के अध्यापकों द्वारा कोरोना (Corona) महामारी के चलते बच्चों की पढ़ाई में कोई व्यवधान ना हो, इसके लिए गांव में जाकर उनके घर-द्वार पर शिक्षा देने की मुहिम शुरू की है।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बखालग के प्रधानाचार्य रविंद्र शर्मा ने बताया कि विद्यालय प्रबंधन ने निर्णय लिया कि कुछ ऐसी जगह चुनी जाए जहां आस पास के गांवों के बच्चे एकत्रित हो सकें तथा उस स्थान पर अध्यापक स्वयं जाकर बच्चों को आवश्यक दूसरी व मास्क (Mask) के नियम की पालना करवाते हुए पढ़ाई करवा सकें, जिससे बच्चों की पढ़ाई का नुकसान ना हो।
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